नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा के बीच सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्य इस मुद्दे शांति बनाए रखें। जब तक कोर्ट में सुनवाई चल रही है, पंजाब और हरियाणा सरकार से सुनिश्चित करें कि एसवाईएल को लेकर कोई धरना प्रदर्शन ना हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसवाईएल पर कोर्ट का फैसला लागू होना चाहिए। कोर्ट ने पंजाब को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर हरियाणा ने अपने इलाके में नहर बनाने का काम पूरा कर लिया है, तो पंजाब ने क्यों नहीं किया। अगर नहर के लिए पानी की समस्या है, तो बाद में देखेंगे। पंजाब पहले नहर का निर्माण करे फिर पानी के बारे में तय करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दो महीने का वक्त दिया ताकि वह दोनों राज्यों के बीच सुलह की कोशिश कर सकें। कोर्ट ने कहा कि वक्त का मतलब यह नहीं है कि पंजाब सरकार इसे लंबा खींचे। अगली सुनवाई सात सितंबर को होगी। वहीं केंद्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में दोनों राज्यों के बीच फिर से सुलह की कोशिश करेंगे।
सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच कर रही है। एसवाईएल मामले की सुनवाई कर रही बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस पीसी घोष मई में सेवानिवृत्त हो गए थे। सोमवार को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मामले की सुनवाई की जल्द से जल्द तारीख लगाई जाए। हरियाणा सरकार ने इस मामले पर सुनवाई के लिए नई बेंच के गठन की गुहार लगाई। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नहर के निर्माण को लेकर दिए गए उसके आदेश का पालन होना चाहिए।