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चंडीगढ़: पंजाब के नए मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लोकप्रिय हास्य शो में काम करना चाहिए या नहीं इसको लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनकी कैबिनेट के सहकर्मी नवजोत सिंह सिद्धू को टीवी कार्यक्रम करने की इजाजत मिलनी चाहिए, बशर्ते यह उनकी आय का मुख्य स्रोत हो। मुख्यमंत्री के हवाले से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यहां कहा गया, ‘उन्हें व्यक्तिग रूप से ऐसा लगता है कि सिद्धू को टीवी कार्यक्रम के जरिए कमाई जारी रख अपनी आजीविका चलाने की इजाजत मिलनी चाहिए, बशर्ते यह उनकी आय का मुख्य स्रोत हो।’ उन्होंने पूछा, ‘कोई भी व्यक्ति पर्याप्त आय के बगैर कैसे रह सकता है?’ उन्होंने पूछा, ‘क्या वे (जो लोग टीवी कार्यक्रम में सिद्धू के आने का विरोध कर रहे हैं) मंत्रियों को भ्रष्ट बनाना चाहते हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक अमरिंदर ने कहा है कि वह इस विषय में कानूनी मुद्दों को नहीं जानते हैं इसलिए वह पंजाब के महाधिवक्ता की राय का इंतजार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते कि हितों का कोई टकराव है जैसा कि भारत के अटार्नी जनरल ने कहा है। इससे पहले अमरिंदर ने कहा था कि सिद्धू के टीवी पर आते रहने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है लेकिन यदि यह उनके शो से विरोधाभासी है तो वह संस्कृति मंत्री के उनके विभाग में बदलाव करेंगे। एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में अमरिंदर की कही बातों का आधिकारिक विज्ञप्ति में हवाला दिया गया है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि यदि कानून इसकी इजाजत देता है तो उन्हें सिद्धू के टीवी हास्य शो में काम करने को लेकर कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इस बारे में कानून के जानकार क्या कहते हैं। पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू मंत्री के पद पर रहते हुए हास्य शो में हिस्सा नहीं ले सकते। उन्होंने साफतौर पर इसे असंवैधानिक करार दिया। एडवोकेट जनरल कहा, सिद्धू को संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है और अभिनय व संबंधित मंत्रालय एक-दूसरे से जुड़े इसलिए इसे हितों का टकराव माना जाएगा, ऐसे में सिद्धू को मंत्रालय अथवा हास्य शो दोनों में से किसी एक को चुनना पड़ेगा। अटॉनी जनरल इस बात के खिलाफ हैं कि संस्कृति मंत्री रहते नवजोत सिंह सिद्धू किसी टीवी शो का हिस्सा बने। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि संविधान में निजी व्यवसाय को लेकर किसी विधायक या मंत्री को अयोग्य घोषित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी होती है, जिसके अनुसार एक लोक सेवक को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि से खुद को अलग रखना चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार (22 मार्च) को कहा कि यदि कानूनी एवं संवैधानिक प्रावधान इजाजत देते हैं तो नवजोत सिंह सिद्धू के टेलीविजन पर काम करने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। अमरिंदर ने कहा कि हितों के टकराव की स्थिति में वह सिद्धू का संस्कृति विभाग बदल सकते हैं। सिद्धू पंजाब में मंत्री रहने के बाद भी टेलीविजन सीरियल पर काम करने को लेकर विवादों के केंद्र में हैं। उन्होंने यह कहते हुए अपना टीवी सीरियल जारी रखने की इच्छा प्रकट की है कि उन्हें अपनी जीविका उपार्जित करनी है। सिंह से जब उनके इन मंत्रिमंडलीय सहयोगी की शुचिता के मुद्दे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं संवैधानिक स्थिति नहीं जानता। हमने पंजाब के महाधिवक्ता से राय मांगी है। उन्होंने अबतक फाइल नहीं देखी है। सिद्धू एक वरिष्ठ एवं प्रतिभाशील व्यक्ति हैं। प्रश्न यह है कि क्या टेलीविजन शो जारी रखना उनके लिए उपयुक्त है, उन्होंने भी कुछ विशेषज्ञों से राय ली होगी।’ उन्होंने कहा, ‘यदि यह संभव है तो हमें आपत्ति नहीं है. सिद्धू जैसा चाहते हैं, वैसा कर कमाई कर सकते हैं। लेकिन वह संस्कृति मंत्री भी हैं, ऐसे में हमें उनका विभाग बदलना पड़ सकता है।’

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