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कोलकाता (जनादेश ब्यूरो): चक्रवाती तूफान रेमल एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकरा गया। 21 घंटे के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं दोबारा शुरू तो हुईं पर खराब मौसम के कारण आठ उड़ानों को डायवर्ट किया गया तो 14 उड़ानों को रद्द करना पड़ गया। वहीं, तूफान के कारण छह लोगों की मौत हो गई।

एएआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि खराब मौसम के कारण कोलकाता जाने वाली आठ उड़ानों को गुवाहाटी, गया, वाराणसी और भुवनेश्वर जैसे अन्य हवाईअड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा है। कोलकाता हवाई अड्डे के निदेशक सी पट्टाभि ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण किसी भी बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं हुआ है। जलभराव की कोई समस्या नहीं हुई क्योंकि हमने पानी निकालने के लिए कुशल पंपों का इस्तेमाल किया। वहीं, गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी से कोलकाता जाने वाली चौदह उड़ानें रद्द किया गया है। रद्द उड़ानों में इंडिगो की चार, एलायंस एयर की चार और एयर इंडिया की एक उड़ान शामिल है।

वहीं, खराब मौसम के कारण अगरतला हवाई अड्डे से 11 उड़ानें रद्द कर दी गईं। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया।

बंगाल में 15 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त

जानकारी के अनुसार, बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो चक्रवात के कोलकाता में एक, दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं और पूर्व मेदिनीपुर के मेमारी में एक पिता-पुत्र की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के कारण 15 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। दो लाख से अधिक लोगों को बचाव शिविरों में भेजा गया। 77 हजार से अधिक लोग अभी भी राहत शिविर में ही हैं। राज्य भर में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। पुलिस और एनडीआरएफ उन्हें हटा रहे हैं। बिजली खंभों के उखड़ने के कारण बिजली व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बांग्लादेश में करीब 10 लोगों की मौत हुई है। 15 मिलियन लोग वहां बिना बिजली के हैं।

असम-त्रिपुरा समेत कई राज्यों में भारी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान विभाग ने असम और त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में चक्रवात रेमल की वजह से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। असम के असम के चिरांग, गोलपाड़ा, बक्सा, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट और धुबरी, दक्षिण सलमारा, बोंगाइगांव, बजाली, तामुलपुर, बारपेटा, नलबाड़ी, मोरीगांव, नागांव, होजाई और पश्चिम कार्बी आंगलोंग के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं त्रिपुरा के सिपाहीजाला और गुमटी के लिए रेड अलर्ट जारी हुआ है। इसके अलावा छह अन्य जिलों के ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री बनर्जी और राज्यपाल ने प्रभावित इलाकों का लिया जायजा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रेमल से प्रभावित सुंदरबन और अन्य तटीय इलाकों की स्थिति का जायजा लिया। सीएम ने मुख्य सचिव से फोन पर बात कर मृतकों और घायलों की संख्या तथा हुए नुकसान और राहत कार्यों की जानकारी ली। बनर्जी ने सोशल मीडिया पर कहा कि चक्रवात से राज्य को काफी नुकसान हुआ है। जानमाल की हानि कम है। मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने उनके प्रियजनों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की बात कही। फसलों और घरों को हुए नुकसान के मुआवजे के वितरण को प्रशासन कानून के मुताबिक देखेगा और चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद हम इन सभी मुद्दों पर अधिक गंभीरता से विचार करेंगे। वहीं राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन के रैपिड एक्शन फोर्स के साथ कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

ममता बनर्जी ने किया ट्वीट

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को रेमल के प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भीषण आपदा के बावजूद कम जानमाल का नुकसान हुआ, यह सब प्रशासन द्वारा उठाए गए एहतियाती उपायों के कारण हुआ। सीएम ने प्रभावित लोगों के लिए तत्काल मुआवजे की आवश्यकता को रेखांकित किया।

एक्स पर सोमवार को उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित एक नदी राज्य है। हर साल हम विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं। रेमल के कारण हमारे राज्य को बहुत नुकसान हुआ है। हमारे लिए लोगों का जीवन सर्वोपरि है। प्रशासन के निर्देशों और मुस्तैदी के कारण हानि अपेक्षाकृत कम है। मृतकों के परिवारों के प्रति मैं संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। सीएम ने मुख्य सचिव गोपालिका के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चुनाव की व्यस्तता के बावजूद हमारा प्रशासन आपदा के खिलाफ तैयार था। 1400 राहत शिविरों में लोगों को स्थानांतरित किया गया। यह प्रशंसनीय है।

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