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कोलकाता: संदेशखाली को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल जारी है। पीड़ितों से मिलना चाह रहे बीजेपी के शुभेन्दु अधिकारी को पुलिस ने रोक दिया है। इसके साथ ही वृंदा करात को भी संदेशखाली जाने से रोका गया है। शुभेंदु अधिकारी कलकत्ता हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद वे संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन वहां पहले ही धारा 144 लगा दी गई है। शुभेंदु अधिकारी को जाने से रोक दिया गया है।

बता दें कि शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ संदेशखाली जाने की इजाजत दी है। इस दौरान वह पीड़ितों से भी मिलेंगे। कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी से कहा कि वह अपनी यात्रा के मार्ग की जानकारी प्रशासन को दें। साथ ही उन्हें भड़काऊ भाषण न देने की हिदायत भी दी गई है। कोर्ट ने प्रशासन को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया है। अधिकारी ने कहा था कि मैं वहां जाना चाहता हूं और स्थानीय लोगों से बात करना चाहता हूं। मैं वहां के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहता हूं।

संदेशखाली में घटनाक्रम की कवरेज के लिये एक बंगाली समाचार चैनल के एक पत्रकार को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुलिस ने कहा कि पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता प्रेस क्लब ने गिरफ्तारी की निंदा की है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को संदेशखाली में अशांति के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस पर पलटवार करते हुए आयोग पर भाजपा के मुद्दे को दोहराने का आरोप लगाया।

संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

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