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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह देश का कानून है। गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है। अमित शाह ने ये बातें नेशनल लाइब्रेरी में राज्य भाजपा ईकाई के सोशल मीडिया और आईटी विंग के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही हैं। शाह ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 35 से अधिक सीटें हासिल करेगी। 2019 के चुनावों में बीजेपी ने कुल 18 सीटें हासिल की थीं।

बता दें कि बंगाल भाजपा मीडिया सेल ने बंद कमरे में आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह के भाषण के संकेतों की एक सूची साझा की। बाद में शाम को इसने शाह के भाषण की कुछ वीडियो क्लिप भी साझा कीं। उन्होंने पार्टी कार्यक्रम में कहा कि हमें अगले विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार बनाने के लिए काम करना है।

भाजपा सरकार का मतलब घुसपैठ, गाय तस्करी का अंत और सीएए के माध्यम से धार्मिक रूप से सताए गए लोगों को नागरिकता प्रदान करना होगा। जिसका वीडियो क्लिप बीजेपी की मीडिया विंग ने शेयर किया है।

अमित शाह ने सीएए के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए बनर्जी पर तीखा हमला बोला.उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह लोगों, शरणार्थियों को गुमराह करने की कोशिश करती है कि क्या सीएए देश में लागू होगा या नहीं। मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सीएए देश का कानून है और कोई भी इसके कार्यान्वयन को रोक नहीं सकता है। यह यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सीएए का विरोध कर रही है, जिसे 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

विवादास्पद सीएए को लागू करने का वादा पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा था। बीजेपी के नेता इसे एक प्रशंसनीय कारक मानते हैं जिसके कारण बंगाल में भाजपा का उदय हुआ।

गौरतलब है कि सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों जैसे उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आए थे।

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