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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में केंद्रीय गृह मंत्री के काफिले पर हमले के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हमले की सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है और मामले को फिर से सुनवाई के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट भेजा है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दी गई पूरी सामग्री पर विवेक नहीं लगाया। हाईकोर्ट एक बार फिर नए तरीके से याचिका पर विचार करे। हाईकोर्ट राज्य सरकार की इस दलील पर भी विचार करेगा कि बीजेपी विधायक की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हाईकोर्ट ने उन्हें जांच का मौका नहीं दिया। घटना के दो दिन के भीतर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई। फिर एक महीने के भीतर फैसला आ गया। हाईकोर्ट ने पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया कि पुलिस ने कार्रवाई की है। हाईकोर्ट को राज्य की पुलिस की बात सुननी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, राज्य सरकार को ना तो केंद्रीय मंत्री के काफिले के रूट की जानकारी थी और ना ही उनकी मीटिंग को मंज़ूरी दी गई थी। हाईकोर्ट ने ये नहीं देखा कि पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया था।

वहीं शुभेंदू अधिकारी की ओर से कहा गया कि पुलिस ने सही तरीके से कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि मंत्री की सुरक्षा वाली सीआईएसएफ की शिकायत भी दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने रिपोर्ट में बीजेपी कार्यकर्ताओं को ही जिम्मेदार बताया। यहां तक कि टीएमसी दफ्तर पर हमले में भी उनका ही हाथ बताया।

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 29 मार्च को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नीशीथ प्रमाणिक और उनके काफिले पर 25 फरवरी को कूचबिहार जिले में हुए हमले के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता, ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल के दिनहाटा से भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री नीतिश प्रमाणिक पर हमला किया गया और उनके काफिले पर पथराव किया गया, जब वह 25 फरवरी को अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर थे।

उन्होंने कथित हमले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए दावा किया कि राज्य पुलिस ने सीआईएसएफ द्वारा शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था, जो मंत्री को सुरक्षा प्रदान कर रहे थे और बदले में भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रहे थे। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय मंत्री पर कथित हमले की सीबीआई जांच का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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