कोलकाताः पश्चिम बंगाल की विधानसभा में केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। यह प्रस्ताव नियम 169 के तहत पारित किया गया। इसके साथ ही विधानसभा के अंदर पोस्टर लेकर धरना देने और नारेबाजी करने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि भाजपा विधायक पिछले कई दिनों से कथित भ्रष्टाचारी नेताओं की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने विधानसभा में भी हंगामा किया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने धरने और प्रदर्शन पर रोक लगा दी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में पोस्टर बैनर लेकर ना ही कोई धरना दिया जाएगा और ना ही नारेबाजी होगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित होती है। वहीं ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी अपेक्षा है कि पार्टी और सरकार को अलग-अलग रखकर प्रधानमंत्री मोदी काम करें और यही देश के लिए अच्छा होगा।
ममता बनर्जी ने भाजपा नेताओं के प्रदर्शन पर भी आपत्ति जताई और कहा कि वे सदन की कार्यवाही बाधित करते हैं। बता दें कि मार्च में बजट सत्र के दौरान बीरभूम में हुई हत्याओं को लेकर हंगामा हुआ था और सत्ता व विपक्ष के नेता आपस में भिड़ गए थे।
सरकार के चीफ विप निर्मल घोष ने विधानसभा में लंच के बाद एजेंसियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसमें कहा गया कि एजेंसियां विपक्षी दल के नेताओं पर कार्रवाई नहीं कर रही हैं और टीएमसी नेताओं को टारगेट कर रही है। प्रस्ताव में कहा गया कि सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है और इसमें एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। वहीं बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जो लोग चोरी करते हैं वही ऐसा प्रस्ताव ला रहे हैं। लेकिन वे पकड़े जरूर जाएंगे।