ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

कोलकाता: बंगाल में टीएमसी और भाजपा एक बार फिर आमने सामने आ गई हैं। भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ बीजेपी ने सड़क पर उतर कर हल्ला बोला है। वहीं इस हल्ला बोल को ममता सरकार द्वारा रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए। कई गाड़ियों में आगजनी की गई तो पुलिस ने तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।

नबन्ना चलो अभियान के दौरान राज्य सचिवालय की तरफ बढ़ रहे भाजपा के मार्च को पुलिस द्वारा रोके जाने को लेकर हावड़ा के सांतरागाछी एवं हावड़ा मैदान से लेकर कोलकाता तक मंगलवार दोपहर में रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। भाजपा के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

राज्य में ममता सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा ने मंगलवार को "नबन्ना चलो" अभियान यानी "सचिवालय चलो" की घोषणा की थी। इसके चलते सचिवालय और उसके आसपास पांच किलोमीटर का दायरा पुलिस छावनी में बदल दिया गया था।

सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक भाजपा के मार्च के दौरान संतरागाछी जाने की कोशिश करते समय हिरासत में ले लिया गया था।

अभियान की मंजूरी न मिलने पर भड़की भाजपा

नबन्ना मार्च को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन राज्य पुलिस ने बोजेपी को पत्र लिखकर उन्हें नबान्न अभियान की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और बंगाल बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। हिरासत से पहले शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल को नॉर्थ कोरिया बना दिया है। वहीं ममता बनर्जी राज्य का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया।

विधानसभा सत्र से पहले शक्ति प्रदर्शन

गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा का यह प्रदर्शन सड़क पर ताकत दिखाने की कोशिश है। इस प्रदर्शन में बीजेपी ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के दो नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल जेल में बंद हैं।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख