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कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की स्पेशल कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को 3 अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी भी ईडी की हिरासत में रहेंगी। पार्थ चटर्जी को एम्स भुवनेश्वर से वापस कोलकाता लाया जाया जाएगा। जांच एजेंसी ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में सौंपने के लिए ईडी की एक विशेष अदालत से सोमवार को अनुरोध किया था।

ईडी ने इस बात का जिक्र किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर ने चटर्जी की जांच के बाद कहा था कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। उसने अदालत से मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी 13 दिनों के लिए हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया।

हालांकि, विशेष न्यायाधीश जीबोन कुमार साधु ने अपना आदेश सुरिक्षत रख लिया। ईडी ने अपनी दलील में कहा है कि चटर्जी बंगाल सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल में बीमारी का बहाना बना कर भर्ती हुए थे।

शनिवार को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें दो दिनों की रिमांड पर दिये जाने के दौरान केंद्रीय एजेंसी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रविवार को निर्देश दिया था कि चटर्जी को स्वास्थ्य जांच के लिए एयर एंबुलेंस से एम्स, भुवनेश्वर ले जाया जाए।

अदालत को सौंपी गई एम्स, भुवनेश्वर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि चटर्जी का रक्त चाप, ऑक्सीजन का स्तर सही है और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। वहीं, ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए चटर्जी के वकील ने उनकी जमानत का अनुरोध किया।

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