नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बार-बार सम्मन के बावजूद जांच में शामिल नहीं होने के बाद रुजिरा के खिलाफ वारंट जारी किया गया है। ईडी कोयला तस्करी मामले में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने ईडी की याचिका पर यह आदेश जारी किया है। इससे पहले एजेंसी के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ कई सम्मन जारी होने के बावजूद वह अदालत या जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हो रही हैं। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 20 अगस्त की तारीख तय की है।
ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नवंबर 2020 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने राज्य के कुनुस्तोरिया और काजोरा इलाकों में तथा आसनसोल के आसपास ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कथित घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है।
ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस गैरकानूनी कारोबार से मिलने वाली निधि के लाभार्थी हैं। हालांकि, उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है।
कोलकाता और झारखंड में 5500 करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने 21 मार्च को अभिषेक बनर्जी से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी। उसके अगले दिन यानी 22 मार्च को उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को भी पूछताछ ते लिए बुलाया था लेकिन वो नहीं पहुंच सकी थीं।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के कई अफसरों अनूप मांझी उर्फ लाला, सीआईएसएफ और रेलवे के अज्ञात अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप था कि इन लोगों की मिलीभगत से बन्द पड़ी खदानों से बड़े पैमाने कोयला चोरी किया गया। इस मामले का मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला और अभिषेक बनर्जी का करीबी विनय मिश्रा है। विनय मिश्रा फरार चल रहा है और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है।
आरोप है कि इस घोटाले में रुजिरा की कुछ कंपनियों में भी लेनदेन हुआ है. इन कंपनियों से अभिषेक भी पहले जुड़े थे। ईडी इसी को लेकर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है।