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कोलकाता: पूर्व केंद्रीय मंत्री व कद्दावर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को कोलकाता में अपने ही दल के समर्थक वकीलों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट परिसर में सरेआम 'तृणमूल का दलाल' से लेकर कई तरह की बातें सुनने पड़ी। दरअसल, लोकसभा में संसदीय दल के नेता व बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए चिदंबरम हाई कोर्ट पहुंचे थे। उसी दौरान हाई कोर्ट परिसर में एक महिला वकील ने उन्हें 'तृणमूल का दलाल' कर उनके खिलाफ नारेेबाजी व विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उक्त महिला वकील ने अपना काला कोट उतारकर पूर्व मंत्री की ओर दौड़ पड़ीं।

प्रदर्शनकारी वकीलों ने यह दावा किया कि चिदंबरम कांग्रेस पार्टी की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनका कंपनी की ओर से अदालत में पेश होना उचित नहीं है, जब पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर चौधरी ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा मेट्रो डेयरी के शेयरों की बिक्री निजी कंपनी को करने को अदालत में चुनौती दी है।

विरोध प्रदर्शन में शामिल एक वकील कौस्तव बागची ने कहा कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एक ऐसी संस्था की ओर से पेश हो रहे हैं, जिसके द्वारा शेयरों की खरीद पर पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपत्ति की जा रही है।

बागची ने कहा, ‘चिदंबरम सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) के एक सदस्य हैं और एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता हैं।'

बागची ने कहा कि उन्होंने ‘कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में' विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, न कि एक वकील के रूप में और कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के हितों के खिलाफ काम करने वाले किसी भी नेता के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे।

मीडिया के संपर्क किए जाने पर चौधरी ने कहा कि विरोध कुछ कांग्रेस समर्थकों की ‘स्वाभाविक' प्रतिक्रिया थी। चौधरी ने बरहामपुर से कहा, ‘मैंने सुना है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय में मौजूद कुछ कांग्रेस समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। मेरा मानना ​​है कि यह उनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी।'

पार्टी सहयोगी चिदंबरम द्वारा मामले की पैरवी किये जाने पर चौधरी ने कहा कि एक पेशेवर दुनिया में किसी को भी अपने विकल्प चुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘यह एक पेशेवर दुनिया है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है ... कोई भी उसे निर्देशित नहीं कर सकता।'

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