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कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से लॉकडाउन हटाने को लेकर सवाल पूछा है। कोर्ट ने दोनों सरकार को हलफाना दाखिल कर जवाब देने के लिए कहा है कि आखिर किसकी सलाह पर लॉकडाउन हटाया गया। चीफ जस्टिस थोटाथिल बी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित बेंच ने केंद्र और ममता सरकार से 11 जून तक इस मामले में जवाब देने के लिए कहा है। कोर्ट अधिवक्ता अनिद्या सुंदर दास की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पश्चिम बंगाल में पुलिस की देखरेख में बाजार, ऑफिस संचालन सहति अन्य चीजों की व्यवस्था की जाए इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि सरकार ने लोगों की जिंदगी दांव पर लगाकर सरकार ने लॉकडाउन में ढील दी है। साथ ही पश्चिम बंगाल के अधिकांश जिलों में व्यापक निगरानी नहीं होने का भी आरोप लगाया गया है। साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट से पश्चिम बंगाल में वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को सख्त निगरानी में रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

यह आरोप लगया है कि प्रवासियों की वापसी से कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। याचिका में कहा गया है, ’25 मार्च को जब लॉकडाउन की घोषणा की गई, भारत में कोरोना वायरस के कुल 618 केस थे। साथ ही सिर्फ 13 लोगों की मौत हुई थी। आज भारत विश्व का सातवां प्रभावित देश बन गया है। ऐसे हालात में सरकार लॉकडाउन में ढील दे रही है।’ साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में लॉकडाउन लागू करने में फेल रही है, इसलिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं।

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