कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनसे कहा कि वह फैसला करें कि संवैधानिक धर्म की सीमा रेखा किसने लांघी है। दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल से कुछ ऐसे वीडियो और फोटो सामने आए जो कि राज्य सरकार पर सवाल खड़े करते हैं। इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने-सामने हैं।
राज्यपाल को सात पन्ने के कड़े शब्दों में लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि धनखड़ भूल गए हैं कि वह (ममता) एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं जबकि वह नियुक्त किए गए हैं। बनर्जी ने पत्र में कहा, ''यह आपको फैसला करना है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है और संवैधानिक पदाधिकारियों में किसने मर्यादा के मूल नियमों को लांघा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के दौरे पर केंद्रीय टीमों को सहज सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।
इस बीच, राज्य के दौरे पर आई दोनों केंद्रीय टीमों में से एक टीम ने शहर के राजारहाट इलाके में एक क्वारंटाइन केंद्र का निरीक्षण किया। धनखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “आधिकारिक केंद्रीय टीमों के लिए निबार्ध रास्ता सुनिश्चित करने के लिए आग्रह।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय टीम ने राज्य के संबंधित अधिकारियों को लिखे एक पत्र में जानना चाहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित ऑडिट कमेटी यह कैसे निर्धारित कर रही है कि किसी मरीज की मौत कोरोना वायरस अथवा अन्य बीमारी से हुई है। दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर शुरू में केंद्रीय टीमों के साथ असहयोग का आरोप लगाया है।