कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने गई केन्द्रीय टीमों के साथ सहयोग न करने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पलवाटर करते हुए केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि राज्य को जान बूझकर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जा रही है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर कुछ ही लोगों की जांच की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी को लेकर बंगाल को भाषण सुनाया लेकिन जांच के लिए समुचित किट नहीं दी।
राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि बंगाल को जो 10 हजार रैपिट टेस्ट किट्स दी गईं थीं वे गड़बड़ थीं। रैपिट किट्स से 220 जांच की गई। सिर्फ समय की बर्बादी हुई। आरएनए एक्सट्रैक्टर और वीटीएम की सप्लाई बहुत कम होने के चलते जांच नहीं की जा सकती है। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) की तरफ से तीन तरह के कोविड-19 टेस्ट किट्स की सप्लाई की जाती है।
उन्होंने कहा, उसकी वर्तमान में बंगाल में स्थिति ये है:
1-आईसीएमआर की एडवाइजरी के अनुसार, रैपिट टेस्ट किट्स ठीक से काम नहीं कर पाने की वजह उसे वापस लिया जा रहा है।
2- एनआईईसीडी के साथ 21 अप्रैल को हुई बातचीत के बाद जीबीआई आरटी पीसीआर किट्स वापस की जा रही हैं।
3-एंटीजन किट्स- इसकी बंगाल के अस्पतालों में सप्लाई ही नहीं की गई।
इसके बाद आईसीएमआर की सिफारिश पर कोविड-19 का टेस्ट करने के लिए पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पास 0 किट है। हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने यह आश्वस्त किया कि इस स्थिति से निपटने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले कोविड-19 टीम बंगाल भेजे जाने पर ममता बनर्जी ने सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से पूछा था कि आखिर इस टीम को भेजे जााने का आधार किया है। ममता ने इस बारे में पीएम मोदी को खत भी लिखा था। ममता सरकार यह आरोप लगे कि वे दिल्ली से आई केन्द्रीय टीमों का सहयोग नहीं कर रही है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने ममता सरकार पर केन्द्रीय दलों के साथ सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए यह निर्देश दिया था कि केन्द्रीय टीम के साथ राज्य सरकार बाधा न खड़ी करें और पूरा सहयोग करे।