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कोलकाता: जादवपुर विश्वविद्यालय में कल से जारी अशांति के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि विश्वविद्यालय तेजी से अशांति के एक केन्द्र के रूप में तब्दील हो रहा है और अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। त्रिपाठी ने कहा, उत्कृष्टता के एक केन्द्र के रूप में जाना जाने वाला जादवपुर विश्वविद्यालय तेजी से अशांति के केन्द्र के रूप में तब्दील हो रहा है। अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। त्रिपाठी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह विश्वविद्यालय के कुलपति से घटना के सिलसिले में रिपोर्ट मांगेंगे, त्रिपाठी ने कहा, हमने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी राजनीतिक पष्ठभूमि की फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग को लेकर कल विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच संघर्ष हो गया था। संघर्ष के कारण अव्यवस्था फैल गयी थी जबकि कुछ लड़कियों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की घटना हुयी और अभिनेत्री से भाजपा नेता बनी रूपा गांगुली को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। अधिकारियों ने बताया कि कल देर शाम फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद हंगामा शुरू हुआ और एबीवीपी के छात्रों का वाम समर्थक छात्र संगठनों के सदस्यों के साथ संघर्ष हो गया, जिसमें कुछ लोगों को मामूली चोटें आयी। राष्ट्र-विरोधी तत्वों का गढ़ है जादवपुर विश्वविद्यालय: भाजपा जादवपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्र-विरोधी तत्वों का गढ़ बताते हुए भाजपा ने आज आरोप लगाया कि विपक्षी माकपा और विश्वविद्यालय के कुलपति राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं। राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने यहां बताया, जादवपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के बीच अशांति आम बात हो गई है। एक ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग अवैध रूप से रोक दी गई, जिसे सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा, माकपा और विश्वविद्यालय की वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें ऐसी सभी चीजों पर रोक लगाती रही हैं जो उनकी विचारधारा के खिलाफ हो। यह इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के पूरी तरह से खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। घोष ने आरोप लगाया, जादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्र-विरोधी ताकतों का गढ़ है। वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए जमीन तैयार कर रही हैं और यही वजह है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन करने का कुलपति पर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि कुलपति की भूमिका की जांच कराई जाए। हम जादवपुर विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों से केन्द्र को अवगत कराएंगे।

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