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कोलकाता: राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। विरोध के बाद ममता बनर्जी ने जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों और टीएमसीपी सदस्यों से कहा कि मुझे कई कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया था लेकिन संवैधानिक दायित्व के कारण मैं केवल मिलेनियम पार्क के एक कार्यक्रम में गई थी। प्रधानमंत्री के साथ राजभवन में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें नई दिल्ली आकर इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा है।

बैठक के ठीक बाद बनर्जी सीएए के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल हुईं जहां उन्होंने अपना रुख दोहराया कि नए नागरिकता कानून को बंगाल में कभी भी लागू नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक को शिष्टाचार भेंट करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष बकाया वित्तीय सहायता के विषय को उठाया, जिसे राज्य को केंद्र से मिलना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने उन्हें 28,000 करोड़ रुपये के बारे में बताया, जो राज्य को केंद्र सरकार से मिलना अभी बाकी है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा मैंने उन्हें यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मैंने उन्हें बताया कि हम सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हैं। मैंने उनसे कहा कि वह इन मुद्दों पर फिर से विचार करें और सीएए वापस लें।

दरअसल नरेंद्र मोदी आज अपने दो दिवसीय दौरे के लिए कोलकाता पहुंचे हैं। जहां उन्होंने राजभवन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। पीएम मोदी का कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल हुए और धरोहर इमारतों को राष्ट्र को समर्पित किया।

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