नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के मामले में ममता बनर्जी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव द्वारा जवाब दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए उसे खारिज कर दिया तथा उन्हें व्यक्तिगत रूप से जवाब देने के लिए तीन दिन की समयसीमा दी। ममता को कड़े शब्दों में आज जारी किये गये पत्र में आयोग ने स्पष्ट किया कि यह नोटिस उन्हें तणमूल कांग्रेस की प्रमुख की हैसियत से जारी किया गया था न कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में और यदि उन्होंने 22 अप्रैल तक जवाब नहीं दिया तो उन्हें फिर से संदर्भित किये बिना निर्णय किया जाए। मुख्य सचिव बासुदेब बनर्जी द्वारा भेजे गये जवाब को खारिज करते हुए आयोग ने एक अन्य पत्र में उनकी खिंचाई की और कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित कारण बताओ नोटिस का जवाब देना राज्य सरकार के लिए उचित नहीं है। ममता को भेजे पत्र में आयोग ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि आप की ओर से अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ।
उसने कहा कि आयोग यह स्पष्ट करता है कि उपरोक्त नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन के लिए आपको अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में जारी किया गया था न कि पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के प्रमुख के रूप में। लिहाजा नोटिस का जवाब आयोग के पास आपके द्वारा आना चाहिए न कि वासुदेव बनजी (मुख्य सचिव) के द्वारा। पहले नोटिस में उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में संदर्भित किया गया था और इस बार उन्हें तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के रूप में संदर्भित किया गया है। ममता को पिछले सप्ताह एक नोटिस राज्य में नए जिले के गठन की घोषणा करने के कारण दिया गया था। इस नोटिस का जवाब पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने तणमूल कांग्रेस की प्रमुख की ओर से दिया था।