कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा पानी छोड़ने के कारण आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और 160 से ज्यादा गांवों के तकरीबन 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राज्य के करीब 12 जिलों में शनिवार से हो रही भारी बारिश की वजह से अबतक 16 लोगों की मौत हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘‘ 21 जुलाई से बाढ़ की वजह से अबतक 16 लोगों की मौत हो गई और 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। हमारी रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 165 गांव पानी में डूब हुए है।’’ अधिकारी ने कहा कि 20 लाख में से चार लाख से ज्यादा लोग सिर्फ पिछले 24 घंटे में प्रभावित हुए है, जबकि 2,301 लोगों को उनके घरों से निकाला गया है जबकि 2,02,957 हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि 7,868 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं जबकि 44,361 आशंकि रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शहरी विकास मंत्री एफ हकीम, मुख्य सचिव माले डे, गृह सचिव आरती भट्टाचार्य और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने हावड़ा जिले के अमता और उदयनारायणपुर खंड के इलाकों में सैलाब की स्थिति का जायजा लिया। ममता ने कहा कि मौजूदा बाढ़ जैसी स्थिति की मुख्य वजह डीवीसी से छोड़ा गया पानी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ वे (डीवीसी) बिना सूचना दिए पानी छोड़ रहे हैं। छोड़ा गया पानी इस स्थान तक आने में करीब दो-तीन दिन लेता है इसलिए हम लोगों से सतर्क रहने को कह रहे हैं। हमने लोगों से आश्वसत किया है कि प्रशासन उनके साथ है।’’ उन्होंने केंद्र से डीवीसी बांध और बैराजों के जलाश्यों की गाद निकालने की अपनी मांग को दोहराया ताकि वे ज्यादा पानी रोक कर रखें। ममता ने कहा कि राज्य में सैलाब की समस्या हर साल होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर गाद निकालने का काम हो गया होता तो अन्य दो लाख क्यूसेक पानी को रोका जा सकता था और फिर ऐसी स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से गाद निकालने के मुद्दे को देखने के लिए बात की है।