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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में तनाव का माहौल अभी भी कायम है। इस बीच शनिवार को एक बार फिर भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बशीरहाट में प्रवेश करने से रोक दिया गया। प्रशासन ने भाजपा सांसदों मीनाक्षी लेखी, ओम माथुर और सत्यपाल सिंह को दंगा प्रभावित बशीरहाट में प्रवेश करने से पहले कोलकाता में हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले गुरुवार को भाजपा नेता रूपा गांगुली को बशीरहाट जाने से रोका दिया गया था। लेफ़्ट और कांग्रेस के नेताओं को भी वहां जाने से प्रशासन ने रोक दिया था। गौरतलब है कि सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट डाले जाने के बाद बशीरहाट में हिंसा भड़की थी। धीरे-धीरे हिंसा का दायरा बढ़ता गया और हालात पर क़ाबू पाने के लिए बीएसएफ़ को बुलाया गया। धारा 144 लागू होने के बाद भी हिंसा हुई और प्रदर्शनकारियों ने रास्ते बंद किए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े, हिंसा के दौरान एक शख़्स की मौत भी हो गई। फेसबुक पर डाली गई एक पोस्ट के कारण इस सप्ताह की शुरूआत में सांप्रदायिक हिंसा का शिकार बने दंगा प्रभावित बदुरिया शहर और नॉर्थ 24 परगना जिले के इलाकों में स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है।

बंगाल गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुकानें और बाजार वापस खुल गए हैं और वाहन भी चलने शुरू हो गए हैं। शुक्रवाल के बाद से जिले में किसी भी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है। हालांकि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित रखा गया। उन्होंने कहा, 'जो अशांत इलाके शांत हैं, वहां पर पुलिस और अर्दधसैन्य बलों की बड़ी संख्या में तैनाती जारी रहेगी। जब तक हम स्थिति के बारे में आश्वस्त नहीं हो जाते, तब तक बलों को तैनात रखा जाएगा। हम हर चीज पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।'

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