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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

कोलकाता: पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दंगा प्रभावित इलाकों में मार्च किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। राज्य सरकार भले ही बादुरिया, स्वरूपनगर, देगांगा और बशीरहाट इलाकों में स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा कर रही है, लेकिन अनाधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गुरुवार शाम कुछ इलाकों में छिटपुट हिंसा के मामले सामने आए हैं। स्थानीय लोगों ने घरों में ही रहना पसंद किया और दुकानें, बाजार और स्कूल बंद रहे। दंगों की वजह से यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस हफ्ते की शुरुआत में सोमवार को एक युवक द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के बाद बादुरिया और उसके आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया था। हालांकि युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उग्र भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की और गाड़ियों में आगजनी की। इस बीच राजनीतिक दलों से परेशानी वाले इलाकों का दौरा नहीं करने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील की अनदेखी करते हुए विपक्षी नेताओं ने इन इलाकों में जाने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।

हिंसा प्रभावित लोगों से मिलने बदुरिया जा रहीं भाजपा नेता रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक तन्मय भट्टाचार्य समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अनुज शर्मा ने विभिन्न राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर उनसे बदुरिया नहीं जाने का अनुरोध किया था। इसमें कहा गया था कि इनकी मौजूदगी से इलाके में शांति और सौहार्द स्थापित करने में बाधा आएगी। केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा को दुभार्ग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह सभी की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए चाहे वे अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक। सूचना और प्रसारण मंत्री ने किसी के साथ भी भेदभाव नहीं होने पर जोर देते हुए कहा, हर समुदाय भारत का हिस्सा है। मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार लोगों को बचाने के लिए कदम उठाएगी।

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