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दार्जीलिंग (पश्चिम बंगाल): दार्जीलिंग पहाड़ी में सोमवार को शांति रही और ईद उल फितर के लिए अनिश्चितकालीन बंद के दौरान 12 घंटे की छूट दी गयी। सुरक्षा बलों की गश्त के बीच लोगों ने ईद मनायी, हालांकि इसका रंग फीका रहा। दुकानें और बाजार बंद रहे, वहीं इंटरनेट सेवाएं स्थगित रहीं। ईद को देखते हुए वाहनों की आवाजाही पर छूट दी गयी थी। पूर्व सैनिकों ने अलग गोरखालैंड की मांग के समर्थन में मौन जुलूस निकाला। इस बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद आज 12वें दिन में प्रवेश कर गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने लोगों को सब्जियां, खासकर गोभी बांटी। जीजेएम के तीन नेताओं ने कोलकाता में राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। समझा जाता है कि उन जीजेएम नेताओं ने उन्हें पहाड़ की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। इन नेताओं में विधायक अमर सिंह राय भी शामिल थे उन्होंने गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के सदस्यों के इस्तीफे भी राज्यपाल को सौंपे। इस बीच जीजेएम ने घोषणा की है कि वे कल जीटीए समझौते की प्रतियां जलाएंगे। ईद पर लोगों ने स्थानीय मस्जिदों में प्रार्थना की। अलग गोरखालैंड की मांग को अपना समर्थन दिखाते हुये अधिकतर लोगों ने इस मौके पर अपने रिश्तेदारों तथा मित्रों के यहां आने-जाने के लिये गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया और लोगों ने पैदल ही आवाजाही की।

नमाज समाप्त होने के बाद समुदाय के कुछ लोगों ने कहा कि वे नए कपड़े नहीं खरीद सके। उन्होंने कहा, यहां दुकानें और बाजार बंद हैं। हम नए कपड़े नहीं खरीद सके। लेकिन यह कोई समस्या नहीं है। हम ईद मना रहे हैं।जीजेएम ने ईद का त्यौहार मनाने के लिये 12 घंटे की छूट दी थी जिस दौरान लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने मैदानी इलाकों में जाने के लिये गाड़ियों का इस्तेमाल कर सकते थे। दवा की दुकानें, अस्पताल और निजी नर्सगि होम खुले रहे। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर किये जा रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

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