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दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आह्वान पर दार्जिलिंग के सभी सरकारी कायार्लयों में अनिश्चितकालीन बंद के गुरुवार को चौथे दिन पैरा-मिलिट्री बलों द्वारा जीजेएम नेता विमल गुरुंग के कार्यालय पर छापे की कार्रवाई के विरोध में पूर्ण बंद तथा पार्टी की महिला शाखा की ओर से किए गए प्रदर्शन के बाद समूचे दार्जिलिंग में माहौल अशांत हो गया है। अलग गोरखालैंड समर्थकों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने के साथ ही एक पुलिस चौकी और मीडिया के एक वाहन को आग लगा दी। पुलिस ने कहा कि गोरखा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर उस समय पत्थरों और पेट्रोल बम से हमला किया, जब वे जीजेएम नेता के कायार्लय में छापा मारकर लौट रहे थे। पथराव से कुछ पुलिसकमीर् घायल हुए हैं और एक मीडिया समूह के वाहन को नुकसान पहुंचा है। जीजेएम के महासिचव रोशन गिरि ने कहा, पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किये हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को राजनीतिक समस्या सुलझानी चाहिए। दार्जिलिंग की धुंध भरी पहाड़ी सड़कों पर अर्द्धसैनिक बलों के साथ मौजूद जीजेएम के कार्यकर्ता दूर से ही पथराव कर रहे हैं। आपको बता दें गोरखा जनमुक्ति मोर्चा काफी लंबे वक्त से अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है।

जिसके लिए दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद का आह्नवान किया गया है। लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आंदोलनकारियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। पुलिसकमर्यिों ने पास में एक कार को आग लगाए जाने के बाद जवाब में पथराव किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार असैन्य नागरिक की है या पुलिस बल की। दिन में छापेमारी के दौरान पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छोपमारी कर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जिलिंग पहाडि़यों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। पुलिस का कहना है कि दार्जिलिंग के सिंगमारी और पाटलेबास इलाकों में की गयी छापेमारी के दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी गिरफतार किया गया। ममता सरकार गोरखा जन मुक्ति मोर्चा पर लागातार दबाव बढ़ाती जा रही है। इससे पहले बुधवार को ममता बनर्जी ने पहाड़ी इलाकों के हालात को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यापाल केसरी नाथ त्रिपाठी से भी मुलाकात की और उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी। उधर सभी विपक्षी पार्टियां ममता सरकार की बल कार्यवाही का विरोध करते हुए भी अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को मानने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य कोई विपक्षी पार्टी जीजेएम के अलग राज्य के मांग को मानने को तैयार नहीं हैं। इससे पहले अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर बुधवार को भी जीजेएम और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों ने रैलियां निकालीं। पुलिस किसी भी प्रकार की हिंसा को टालने के लिए कड़ी नजर बानाए हुए है। दार्जिलिंग में चौकबाजार और माल रोड पर और इसके आस पास अधिकतर दुकानें बंद रहीं। आपको बता दें दार्जिलिंग में सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यालयों में जीजेएम समर्थित अनिश्चितकालीन बंद 12 जून से शुरू हुआ था। गौरतलब है कि इस छापेमारी से महज एक दिन पहले गुरूंग ने कहा था कि अलग गोरखालैंड की मांग पूरी होने तक उनके समूह का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने पर्यटकों से दार्जिलिंग से दूर रहने का आह्वान किया था। पश्चिम बंगाल में चाय बगानों से भरे इस क्षेत्र को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, गुरूंग और जीजेएम के कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के परिसरों पर छापेमारी की गयी। हमने पुष्ट सूचनाओं के आधार पर छापेमारी की। छापेमारी अभी चल रही है। हमने जीजेएम के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफतार किया है। हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है कि गुरूंग के आवास पर छापा मारा गया है। छापेमारी के बाद जीजेएम ने पहाड़ी क्षेत्र में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने कहा, राज्य सरकार चुन-चुनकर निशाना बनाने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, पुलिस और राज्य सरकार हमें पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंद बुलाने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्य सरकार की क्रूरता के बारे में हम केन्द्र को सूचित करेंगे। हमने पहाड़ी में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। हथियार बरामद होने के मामले में जीजेएम नेता ने कहा, उन्हें क्या मिला है खुखरी हमारी परंपरा का हिस्सा है, उसे रखने में क्या हर्ज है तीर—धनुष पारंपरिक हथियार हैं। वे तीरंदाजी प्रतियोगिता के विदयाथर्यिों के लिये थे। गिरि ने आरोप लगाया, जीजेएम को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम अलग राज्य के लिए लड़ रहे हैं। पुलिस और राज्य सरकार हमारे खिलाफ झूठे मुकदमे दायर करने की कोशिश कर रही है। दिल्ली में मौजूद गिरि ने फोन पर कहा, हम केन्द्र को पुलिस की क्रूरता के बारे में बताएंगे और केन्द्र से हस्तक्षेप की मांग करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया, पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किये हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं। जीजेएम ने पिछले चार दिन से पहाड़ में स्थित सरकारी और जीटीए कार्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल आहूत की हुई है। इसी पष्ठभूमि में आज यह छापेमारी हुई है। अलग गोरखालैंड की जीजेएम की मांग को पहाड़ी क्षेत्र के छह अन्य दलों का समर्थन मिलने के बाद आंदोलन ने ज्यादा जोर पकड़ लिया है।

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