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दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल): गोरखालैंड आंदोलन के पुनरद्धार के लिये प्रभावशाली गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से बुलाये गये 12 घंटे के बंद के एक दिन बाद यहां का जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है। लोग अपने रोजमर्रा के काम पर लौट रहे हैं और नियमित रूप से आज (शनिवार) यहां के होटल, दुकानें, खाने-पीने की दुकानें और बाजार खुले रहे। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को हुयी हिंसा के बाद, जीजेएम युवा मार्चा ने कल पहाड़ी क्षेत्र के विद्यालयों में बांग्ला भाषा अनिवार्य किये जाने और अलग गोरखालैंड के विरोध समेत अन्य मुद्दांे पर बंद का आह्वान किया था। परिवहन की सुविधा शुर होने के बाद दार्जिलिंग में धीरे धीरे पर्यटकों का आना फिर से शुरू हो गया है। हालांकि अनेक होटल मालिकों ने बताया कि उनके पास बुकिंग रद्द करने के लिये अनेक पर्यटकों के फोन आ रहे हैं। माल इलाके के करीब एक होटल के प्रबंधक शिबशंकर मजूमदार ने बताया, ‘‘पर्यटकों के लिहाज से यह सबसे अच्छा समय है और हमने यहां पर्यटकों के आने की कमी देखी है, यदि पर्यटकों के आने में कमी बनी रहती है, तो हमारा कारोबार डूब जाएगा, क्योंकि आजीविका के लिये हम पर्यटकों के इसी मौसम पर निर्भर हैं।’’

पहाड़ी पर्यटक स्थल में हिंसा के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करायी गयी मुफ्त बस सेवा से अनेक पर्यटक कोलकाता पहुंच चुके हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो बृहस्पतिवार को दार्जिलिंग में थीं, हिंसा शुरू होने के बाद वापस लौट गयी थीं और उन्होंने इस पूरे अभियान का निगरानी की थी। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री, जो कल देर रात दार्जिलिंग जिला पहुंची थीं, यहां से स्थिति का जायजा लेंगी।

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