पटना: अरुणाचल प्रदेश में हुई एक सियासी घटना का असर बिहार की राजनीति पर साफ नजर आ रहा है। अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस पर बयान दिया है। मांझी ने कहा है कि अरुणाचल में जो हुआ वह स्वच्छ राजनीति नहीं है। साथ ही उन्होंने भाजपा से ऐसी गलती दोबारा नहीं करने की बात भी कही है।
बुधवार को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष मांझी ने ट्वीट कर कहा, 'अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ वह स्वच्छ राजनीति का तकाजा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व से अनुरोध है कि ऐसी गलती दोबारा न हो पाए, इसका ख्याल रखें। नीतीश कुमार को कमजोर समझने वालों को शायद नहीं पता है कि हम मजबूती से उनके साथ है।'
कुछ दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने जेडीयू के 7 में से 6 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। इस घटना से पहले जेडीयू राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। भाजपा के इस सियासी दांव को बिहार में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए संदेश के तौर पर देखा गया। इस घटना के बाद हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मुद्दा हावी रहा। इसके खिलाफ पार्टी ने निंदा प्रस्ताव भी पारित किया।
अरुणाचल प्रदेश के इस सियासी घटनाक्रम के बाद बिहार की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। आरजेडी नेता श्याम रजक ने दावा किया कि मौजूदा गठबंधन में सभी को घुटन महसूस हो रही है और नीतीश कुमार बेबस नजर आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जेडीयू के 17 विधायक आरजेडी के संपर्क में हैं और कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। रजक के इस दावे को बुधवार को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया और कहा कि यह निराधार है।