पटना: कृषि बिल के विरोध में गांधी मैदान में शनिवार को बिना अनुमति सभा करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित 18 नामजद और 500 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मजिस्ट्रेट श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा ³ने गांधी मैदान थाने में एफआईआर कराई है। उन्होंने बताया कि सभा के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
कोविड-19 में कहीं भी 100 व्यक्ति से अधिक व्यक्ति इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। गांधी मैदान में कोविड के दौरान भीड़ जुटायी गयी। नामजद नेताओं में राजद के मृत्युंजय तिवारी, डॉ रामानंद यादव, वृषिण पटेल, आलोक मेहता, श्याम रजक, रमई राम, अनिल कुमार, शक्ति सिंह यादव, अनिल कुमार, मदन शर्मा, बली यादव, सुबोध कुमार यादव, संजय यादव, उर्मिला ठाकुर, अनीता देवी व अनिल शर्मा, केडी यादव, चंदेश्वर सिंह और रामनरेश पांडेय भी शामिल हैं।
धरने की अनुमति मांगी गई थी: राजद
वहीं राजद ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार सरकार गोडसे को पूजने वालों के संरक्षण में कॉरपोरेट जगत के इशारे पर काम कर रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि किसान आन्दोलन के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठवंधन को गांधी मैदान मे धरना देने और गांधीजी के प्रतिमा के सामने संकल्प लेने की अनुमति न देकर राज्य सरकार ने अपने किसान विरोधी चरित्र को उजागर कर दिया है।
उन्होंने दावा किया है कि प्रशासन को शुक्रवार को ही विधिवत रूप से आवेदन देकर गांधी मैदान में गांधीजी की प्रतिमा के सामने धरना देने और संकल्प लेने की अनुमति मांगी गई थी। कार्यकर्ता जब मैदान के अंदर पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। सभी को मैदान से बाहर कर गेटों पर ताला लगा दिया गया। इसके बाद महागठबंधन के कार्यकर्ता गांधी मैदान के गेट नंबर चार के सामने धरने पर बैठ गए।