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नई दिल्ली: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के सातवीं बार शपथ ग्रहण करने के बाद उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भाजपा ने इस पद पर 'मनोनीत किया है और राज्य को कुछ और सालों तक 'एक थके हुए और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हो गए नेता के प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए।

कभी नीतीश के करीबी सहयोगी रहे किशोर को जदयू उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन उनके स्वतंत्र और अक्सर विरोधाभासी विचारों की वजह से दोनों के रिश्तों में खटास आ गयी और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। किशोर ने ट्वीट किया, भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार को बधाई।

मुख्यमंत्री के रूप में एक थके और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हुए नेता के साथ बिहार को कुछ और सालों के लिए प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए। ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहने वाले किशोर ने पिछले करीब चार महीने में यह पहला ट्वीट किया है।

 

बिहार की राजनीति में एक नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे राजग के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में 

राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की। समझा जाता है कि तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं।

 

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