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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

पटना: बिहार विधान सभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव के 10 लाख लोगों को पहली कैबिनेट बैठक में जॉब देने के वादा पर सियासी रंग चढ़ने लगा है। यह वादा अब अब 'तू-तू, मैं-मैं' का विषय बनता जा रहा है। मुख्य मंत्री नीतीश कुमार खुद इस वादे के बारे में अपनी चुनावी सभाओं में सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को तंज कसते हुए कहा कि पैसा कहाँ से लाओगे.. जेल से या नक़ली नोट छापोगे? इस पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर पलटवार करते हुए जवाब दिया है कि आप नहीं समझेंगे।

तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा, "नीतीश जी के कार्यकाल में 30000 करोड़ के 60 घोटाले हुए हैं। 500 करोड़ चेहरा चमकाने के लिए विज्ञापन पर खर्च करते हैं। 24500 करोड़ जल जीवन हरियाली के नाम पर पार्टी कार्यकर्ताओं को बाँटते हैं। शराबबंदी के नाम पर अवैध इकॉनमी चलाते हैं। मानव शृंखला पर हज़ारों करोड़ लुटाते हैं। वो यह नहीं समझेंगे।"

 

निश्चित रूप से जनता दल यूनाइटेड को लगता है कि 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का मुद्दा अब धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। ख़ासकर युवाओं में इस वादे के कारण तेजस्वी की उम्मीदवारी को लेकर चर्चा हो रही है। इसलिए नीतीश कुमार इस रोज़गार योजना को वित्तीय आधार पर लागू करना मुश्किल बता रहे हैं। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार खुद जनसभा में इसके बारे में लोगों को बताते नजर आ रहे हैं।

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