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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद को जमानत दे दी है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक लाख रुपये निची मुचलके पर जमानत मिली है। लालू यादव फिलहाल चारा घोटाले मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद झारखंड के रांची जेल में हैं।

ईडी की याचिका पर 28 जनवरी को सुनवाई

इससे पहले आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े दो मामलों में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अंतरिम जमानत अवधि 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने इन मामलों में लालू की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव की अंतरिम जमानत अवधि भी 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है। उस तारीख को अदालत ईडी के मामले में लालू और अन्य की नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश सुनाएगी।

ये मामले आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन के ठेके निजी कंपनियों को सौंपने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े हैं।

लालू ने अपने वकील के जरिए नियमित जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा, ''मैं समन जारी होने पर हाजिर हुआ और अब मुझे हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मेरी हिरासत उस वक्त नहीं मांगी गई जब जांच चल रही थी। सारे दस्तावेज पहले ही जब्त किए जा चुके हैं और ईडी ने किसी गवाह पर खतरा होने का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह 69 साल के हैं और अस्वस्थ हैं।

वहीं, ईडी ने लालू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनका अपराध देश की अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से प्रभावित कर रहा है और देश की वित्तीय हालत के लिए एक गंभीर खतरा पेश कर रहा है। ईडी ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा, ''महज इसलिए कि हमने जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, यह उन्हें समन जारी करने के बाद जमानत के लिए आधार नहीं हो सकता।

जांच एजेंसी ने कहा कि वे साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं क्योंकि उनमें से कुछ लोग उनके कर्मचारी हैं। उनसे अब तक पूछताछ हो रही है। सभी आरोपी धन शोधन के मामले में अंतरिम जमानत पर हैं।

बहरहाल, अदालत ने सीबीआई मामले में लालू की नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश शाम चार बजे के लिए सुरक्षित रख लिया। वहीं, अन्य आरोपियों को सीबीआई के मामले में नियमित जमानत पहले ही मिल चुकी है।

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