नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मध्य प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी ने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया है। उन्होंने शपथ लेकर प्रदेश की कमान संभाल ली है। इस बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से शायद नाराज हैं।
शिवराज की नाराजगी दूर करेंगे नड्डा?
इस दावे के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि नाराजगी की वजह से ही 17 दिसंबर (रविवार) देर रात बीजेपी के दिग्गजों की मीटिंग में शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं हुए थे। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया है। सूत्रों ने बताया है कि आज सोमवार 18 दिसंबर को शाम 6:00 बजे शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचेंगे। यहां जेपी नड्डा के आवास पर दोनों की मुलाकात होने वाली है।
इन तमाम राजनीतिक परिदृश्यों को देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बीजेपी और शिवराज सिंह के बीच सबकुछ ठीक नहीं है? उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस बीच पार्टी अध्यक्ष की ओर से उन्हें दिल्ली बुलाया जाना भी सुर्खियों में है।
रविवार शाम को मंत्रिमंडल को लेकर दिल्ली में पार्टी की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ ही मध्य प्रदेश बीजेपी के सभी कद्दावर नेता शामिल हुए थे, हालांकि शिवराज सिंह चौहान बैठक से नदारद रहे। इस बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, बीजेपी महासचिव और विधायक कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही नरेंद्र तोमर शामिल भी हुए थे।
शिवराज सिंह चौहान के नदारद रहने से सवाल उठना लाजमी है कि बीजेपी ने शिवराज सिंह को बुलाया नहीं या फिर बुलाने के बाद भी शिवराज सिंह बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे। इस बारे में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि उनके बैठक से नदारत रहने के पीछे क्या कुछ वजह थी। सूत्रों ने बताया है कि अगर शिवराज किसी तरह से नाराज हैं, तो जेपी नड्डा आज उनसे बातचीत कर समाधान कर सकते हैं।
2 दिन पहले ही जेपी नड्डा ने बयान दिया था कि शिवराज सिंह जैसे बड़े जन आधार वाले नेता को घर नहीं बैठाया जा सकता। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।