नई दिल्ली: भाजपा ने स्पष्ट किया कि वह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने संबंधी बयान से सहमत नहीं है और उन्हें सार्वजनिक रूप से इस बयान के लिये माफी मांगनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने अपने बयान में कहा कि भाजपा उनके बयान से सहमत नहीं है और इसकी निंदा करती है और पार्टी उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, नाथूराम गोडसे पर कमल हासन के विवादित बयान के बाद चल रही बहस के बीच भोपाल से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि नाथूराम गोडसे देश भक्त थे, हैं और रहेंगे। उनको ऐसा बोलने वाले लोग स्वयं की गिरेबान में झांक कर देखें। यह विवाद उस समय उठा था जब एमएनएम के संस्थापक एवं अभिनेता कमल हासन ने हाल ही में यह कह दिया था कि आजाद भारत का पहला ''उग्रवादी हिन्दू था। उनका इशारा महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे की ओर था । साध्वी प्रज्ञा के बयान की घोर निंदा करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि गोडसे को महामंडित करना देशद्रोह है।
उन्होंने कहा कि प्रज्ञा के इस बयान पर भाजपा के लोगों को बयान देना चाहिए और देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। प्रज्ञा द्वारा विवादित बयान दिये जाने के चंद घंटों बाद दिग्विजय ने उज्जैन में मीडिया से कहा, ''राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी) के खिलाफ (प्रज्ञा ने) जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, मैं उसकी घोर निंदा करता हूं। उन्होंने आगे कहा, ''नाथूराम गोडसे हत्यारा था और उसको महामंडित करना राष्ट्रभक्ति नहीं है। ये राष्ट्रद्रोह है।
मालूम हो कि कुछ दिन पहले मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक एवं मशहूर अभिनेता कमल हासन ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के संदर्भ में विवादित बयान देते हुए कहा था कि 'आजाद भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था। प्रज्ञा वर्ष 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है। इस सीट पर 12 मई को मतदान हो चुका है।