भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। भाजपा की इस लिस्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ टिकट दिया गया है। भाजपा की इस लिस्ट में चार उम्मीदवारों के नाम हैं। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा सागर से राजबहादुर सिंह, गुना से डॉ. केपी यादव और विदिशा के रमाकांत भार्गव को टिकट दिया है। बता दें कि विदिशा से मौजूदा सांसद सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को ही मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सिंह ने औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। भाजपा दफ्तर पहुंचते ही भोपाल सीट से उनकी उम्मीदवारी को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं थी। मालेगांव विस्फोट कांड की वजह से सुर्खियों में आई साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम ज्यादा चर्चा में था। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मध्य प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ी और फिर बाद में संन्यास धारण कर लिया। साध्वी 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं।
भोपाल लोकसभा सीट पर करीब तीन दशक से भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा, जो देश के राष्ट्रपति भी रहे ने 1984 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 1989 से लेकर भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा ने तीन पर यहां का प्रतिनिधित्व किया। 1999 में उमा भारती यहां से जीतीं लेकिन मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वर्तमान में अशोक सांझर भोपाल से सांसद हैं।
दिग्विजय सिंह की एंट्री से पहले शहर के मेयर आलोक शर्मा और पार्टी के महासचिव वीडी शर्मा को संभावित उम्मीदवार के रूप में देख रही थी। वैसे तो भाजपा यह जता रही है कि सब कुछ ठीक है। पार्टी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कांग्रेस के इस कदम को 'गुटबाजी' करार दिया। कोठारी ने मीडिया से कहा, 'ये इसलिए किया गया है कि अगर पार्टी हारी तो भी कमलनाथ के वर्चस्व को कोई चुनौती न दे सके। लेकिन निजी तौर पर नेताओं ने माना की कुछ चिंता की बातें तो हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में स्थित 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 कांग्रेस के साथ हैं।
दिग्विजय सिंह ने यहां से चुनाव लड़ने के लिए हामी तब भरी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें 'सबसे कठिन सीट' से चुनाव लड़ने की चुनौती दी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय की उम्मीदवारी का एलान कर दिया था। कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने कहा था कि वो राजगढ़ से लड़ना चाहेंगे, लेकिन साथ ही ये भी जोड़ दिया कि पार्टी जैसा निर्देश देगी वो उसका पालन करेंगे। दिग्विजय 2 दफे राजगढ़ से सांसद रह चुके हैं।