मुंबई: वेदांता और फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से गुजरात जाने पर सियासत तेज हो गई है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सत्तारूढ बीजेपी और शिंदे गुट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष सबसे अधिक आक्रामक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में कहा है कि वेदांत-फॉक्सकॉन डील को महाराष्ट्र से गुजरात में बहुत ही सरल तरीके से भेजा गया है। इसके लिए भाजपा ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद दिया है।
शिवसेना का कहना है, "यह हमारा आरोप नहीं बल्कि विश्वास है। जिस तरह से फडणवीस ने अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र को मुंबई से गुजरात भेजा, उसी तरह एकनाथ शिंदे ने फॉक्सकॉन-वेदांत सौदे को गुजरात जाने की अनुमति दी है। कल वे मुंबई को भी बेच देंगे।"
शिवसेना का आरोप है, "फॉक्सकॉन सिर्फ शुरुआत है। फॉक्सकॉन डील काफी सरल तरीके से हुई। यह स्पष्ट है कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे से कहा कि उन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। उनके विधायकों को करोड़ों दिए हैं। अब आप महाराष्ट्र की तिजोरी की चाबी हमें सौंप दीजिए।”
राज ठाकरे की मांग का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि यह अच्छा है कि उन्होंने चिंता व्यक्त की है, लेकिन अपराधी उनका दोस्त यानी भाजपा है। शिवसेना ने कहा, "महाराष्ट्र के विकास के सभी इंजन अब गुजरात की ओर रुख करेंगे।'' आपको बता दें कि राज ठाकरे ने इस डील के गुजरात जाने की जांच की मांग की है।
शिवसेना ने आगे कहा, "शिंदे सूरत और गुवाहाटी में अपने विधायकों को आश्वस्त कर रहे थे कि डरने की कोई बात नहीं है। अब हमारे पास एक बड़ी शक्ति है जो हमारा समर्थन कर रही है। हम जो चाहते हैं वह हमें मिलेगा। शाबाश शिंदे! आपको जो चाहिए वह मिल गया है, लेकिन महाराष्ट्र के युवाओं से उनके रोजगार के अवसर छीन लिए गए हैं।"
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने बुधवार को कहा, "एकनाथ शिंदे ने न केवल हमारे 40 विधायकों को बल्कि महाराष्ट्र की बड़ी परियोजनाओं को भी गुजरात लेकर चले गए। हमारे राज्य में 2 लाख करोड़ रुपए और 1 लाख रोजगार के अवसरों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है।"
वेदांत के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि गुजरात का चुनाव कुछ महीने पहले स्वतंत्र रूप से किया गया था। आदित्य ठाकरे ने कहा कि दो अलग-अलग परियोजनाओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कुछ संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। फोन असेंबली के लिए फॉक्सकॉन पर पहले की सरकार के दौरान ही हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन वेदांत-फॉक्सकॉन की शुरुआत 2022 में हुई थी।