मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच लड़ाई जारी है। सूत्रों के अनुसार, सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सरकार उन 12 एमएलसी के नाम वापस लेना चाहती है जो पिछली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा दिए गए थे।
सूत्रों के अनुसार पिछली एमवीए गठबंधन सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए नामों की सूची वापस ले ली गई है। एकनाथ शिंदे जल्द ही एमएलसी की नई सूची देंगे। पिछली सरकार ने उन 12 नामों की लिस्ट दी थी जिन्हें राज्यपाल कोटे के तहत महाराष्ट्र विधान परिषद में नामित किया जाना था। हालांकि राज्यपाल ने दो साल से पहले मिली सूची पर कोई फैसला नहीं लिया है।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के बीच खींचतान का सिलसिला जारी है। गत माह 30 तारीख को ठाणे के पूर्व महापौर और शिवसेना के एकनाथ शिंदे धड़े के प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली के लिए प्राधिकारियों से अनुमति मांगने के लिए उद्धव ठाकरे गुट की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था कि ठाकरे गुट संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के सिद्धांतों और विचारधारा को भूल गया है तथा उसे यह रैली करने का कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली राज्य के प्रमुख राजनीतिक कार्यक्रमों में से एक है और इसे बाल ठाकरे के तेजतर्रार भाषणों के लिए जाना जाता है।
इससे पहले, उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी वार्षिक रैली करेगी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि ‘‘शिवसैनिकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से शिवाजी पार्क आने की तैयारियां शुरू कर दी है। शिवसेना की वार्षिक रैली शिवतीर्थ में होगी।'' गौरतलब है कि शिवसेना शिवाजी पार्क को ‘शिवतीर्थ' कहती है।
महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच दशहरा रैली की जगह को लेकर चल रहे विवाद के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री शिंदे को सुझाव दिया कि रैली को लेकर किसी तरह के टकराव से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री को टकराव के रास्ते से बचना चाहिए और सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।
दादर के शिवाजी पार्क में हर साल शिवसेना की दशहरा रैली निकाली जाती है। इस बार शिवाजी पार्क शिवसेना में उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच राजनीतिक युद्ध का अखाड़ा बनने जा रहा है। पांच अक्टूबर को दशहरा है और अब की बार यहां किसकी रैली होगी यह कहना मुश्किल हो गया है।