मुंबई: एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बिलकिस बानो से गैंगरेप के दोषियों को जेल से रिहा किए जाने पर पहली बार सवाल उठाया है। लंबे समय से मीडिया से दूरी रख रहे शरद पवार ने सोमवार को कहा कि बिलकिस बानो से गैंगरेप करने वालों को रिहा करना गलत है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वक्त में यह सबसे बड़ी चिंता वाली बात है। उन्होंने कहा कि इन लोगों की रिहाई और फिर सम्मान किया जाना, खुद पीएम नरेंद्र मोदी के स्टैंड से अलग है। 15 अगस्त को बिलकिस बानो से गैंगरेप के 11 दोषियों को जेल से रिहा कर दिया गया था, जो उम्रकैद की सजा काट रहे थे। गुजरात सरकार के इस फैसले का देश भर में विरोध हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट में भी इसके खिलाफ अर्जी दाखिल की गई है।
शरद पवार ने कहा, 'हर कोई जानता है कि बिलकिस बानो केस में गुजरात में क्या हुआ था। यह मामला शर्मनाक और जघन्य था। इसीलिए दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी। लेकिन गुजरात की सरकार ने उन्हें रिहा करने का फैसला लिया। यही नहीं जेल से निकलने पर दोषियों को सम्मानित भी किया गया।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने लालकिले से कहा था कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। लेकिन उनसे ताल्लुक रखने वाले गुजरात में ही ऐसे दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया गया। वहां भाजपा की ही सरकार है। यह फैसला बेहद शर्मनाक है।'
तीस्ता सीतलवाड़ पर भी बोले शरद पवार, कहा- किया जा रहा परेशान
मराठा नेता ने कहा कि भाजपा जो कहती है और जमीन पर जो करती है, उसके बीच हमेशा बड़ा अंतर रहता है। यही नहीं शरद पवार ने तीस्ता सीतलवाड़ को जेल में रखने पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह तो अन्याय करने जैसा है। शरद पवार ने कहा, 'लोकतंत्र में सभी को अपने मन की बात कहने का अधिकार है। तीस्ता सीतलवाड़ ने कई साल पहले जो बातें कही थीं, उसके आधार पर उसे परेशान किया जा रहा है और जेल में रखा गया है। इसके अलावा सरकार यह कोशिश भी कर रही है कि वह जेल से बाहर न आने पाए।'
दूसरे दलों में फूट डालकर भाजपा बना रही अपनी सरकार
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास जिन राज्यों में जनाधार नहीं होता है, वहां भी वह सत्ता में बने रहना चाहती है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में उन्होंने ऐसा ही किया। दूसरे दलों में फूट डाली और फिर अपनी सरकार बना ली। ऐसा तब हुआ, जब जनता की ओर से उन्हें जनादेश ही नहीं मिला था।