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मुंबई: शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम और आनंदराव अडसुल को शिवसेना पार्टी से निकाल दिया है। दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए पार्टी से बाहर निकाला गया है। रामदास कदम भाजपा शिवसेना युति सरकार में मंत्री रह चुके हैं और आनंदराव अडसुल पूर्व सांसद हैं। बता दें कि अडसुल के खिलाफ ईडी की जांच भी चल रही है।

वहीं दूसरी ओर एक ध्यान देने वाली बात यह है कि आज ही रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर पार्टी से त्याग पत्र दिया है। अडसुल ने पूर्व में शिवसेना से अमरावती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। साल 2019 में वह नवनीत राणा से हार गए थे। आनंदराव के बेटे अभिजीत अडसुल ने मीडिया से कहा कि उनके पिता ने शिवसेना नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट में शामिल होंगे, अभिजीत ने कहा, ‘‘मेरे पिता शिव सैनिक बने रहेंगे।' बता दें कि ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को हाल में वरिष्ठ नेता शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा था।

पार्टी के अधिकतर विधायकों ने शिंदे का पक्ष लिया, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके एक दिन बाद शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस घटनाक्रम के बाद शिवसेना सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे को एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने के लिए दबाव बनाया था, जबकि ठाकरे इसके पक्ष में नहीं थे।

शिवसेना अब दो गुटों में बंट गई है जिसमें पहला गुट उद्धव ठाकरे गुट है और दूसरा गुट एकनाथ शिंदे गुट हैं। अब एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना पर दावा ठोकना शुरू कर दिया है। शिवसेना के विधायकों के दो गुट में बंटने के बाद शिवसेना के सासंद भी दो गुटों में बंट रहे हैं।

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