मुंबई: राष्ट्रपति के लिए चुनाव में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा नीत एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा के हाथों सत्ता गंवा चुके उद्धव ठाकरे ने कहा, उनकी छोटी सोच नहीं है और शिवसेना द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन इसका संकेत देता है। राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग 18 जुलाई को होनी है। यह फैसला पार्टी के 22 सांसदों में से 16 सांसदों की उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में किए गए अनुंरोध के एक दिन बाद सामने आया है। इन 16 सांसदों ने ठाकरे से आग्रह किया था कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी को एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को वोट करना चाहिए क्योंकि वे आदिवासी समुदाय की महिला हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है। एकनाथ शिंदे धड़े के टूटने और भाजपा के समर्थन से सीएम के तौर पर उद्धव ठाकरे की जगह लेने के बाद से शिवसेना संकट का सामना कर रही है। महाराष्ट्र की जनसंख्या की करीब 10 फीसदी अनुसूचित जनजाति से है।
गौरतलब है कि शिंदे गुट पिछले माह विद्रोह के दौरान यह लगातार मांग कर रहा था कि शिवसेना को कांग्रेस और राकांपा से संबंध खत्म करके अपने स्वाभाविक सहयोगी भाजपा के साथ फिर से गठजोड़ करना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने इससे इंकार कर दिया था और अधिकांश विधायकों के पाला बदलकर शिंदे के पक्ष में जाने के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने सोमवार को बताया था कि बैठक के दौरान शिवसेना के लोकसभा के 16 और राज्यसभा के दो सांसद मौजूद रहे थे। हालांकि बैठक में दो सांसद नहीं पहुंचे। भावना गवली और श्रीकांत शिंदे इस बैठक में मौजूद नहीं थे। उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री में आयोजित बैठक में राज्यसभा सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी व लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर, विनायक राऊत, अरविंद सावंत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने, श्रीरंग बरने, राहुल शेवाले, प्रतापराव जाधवी, सदाशिवराव लोखंडे, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और ओमप्रकाश राजेनिंबालकर सहित अन्य सांसद भी पहुंचे थे। बैठक में 16 सांसदों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर कहा था कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला हैं। इसलिए हमें उनके पक्ष में मतदान करना चाहिए। इसके पहले भी हम मराठी के मुद्दे पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन कर चुके हैं।