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मुंबई: महाराष्ट्र में बागियों की बढ़ती ताकत के बीच शिवसेना के ठाकरे गुट ने होशियारी से अपने कदम आगे बढ़ाने में जुटी है, जबकि बागियों के खेमे में उनका 9वां मंत्री भी रविवार को शामिल हो गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुट ने कानूनी दांवपेंचों के सहारे यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही बागी गुट के पास 55 में से 40 से ज्यादा विधायक हो गए हों, लेकिन यह ज्यादा मायने नहीं रखता है। मुंबई में रविवार को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत के साथ प्रेस के सामने आए।

कामत ने कहा, "यह नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि सिर्फ दो तिहाई बहुमत होने के कारण उन्हें अयोग्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा। आप किसी भी संवैधानिक जानकार से पूछिए तो पता चल जाएगा कि ये गलत है। दो तिहाई बहुमत का तर्क तब लागू होता है, जब वो किसी अन्य दल के साथ मिल गए हों।" उन्होंने कहा, "अयोग्यता की कार्यवाही 16 बागी विधायकों के खिलाफ शुरू कर दी गई है। कई जजमेंट हैं... सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों का सदन के बाहर भी पार्टी विरोधी कृत्य अयोग्यता के दायरे में आता है।"

कामत ने जनता दल यूनाइटेड शरद यादव के अय़ोग्य ठहराने का भी हवाला दिया, क्योंकि वो नीतीश कुमार के धुर विरोधी लालू प्रसाद यादव की रैली में शामिल हुए थे।

कामत ने कहा, "किसी दूसरे राज्य में जाना, एक भाजपा शासित राज्य में, भाजपा नेताओं से मिलना, सरकार को गिराने का प्रयास करना, सरकार के खिलाफ पत्र लिखना, ये सब खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है... यही स्पीकर को दी गई हमारी याचिका में है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, वो कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है, यह पूरी तरह गलत है। स्पीकर की गैरमौजूदगी में, डिप्टी स्पीकर के पास पूरी शक्तियां होती हैं। हम सभी 16 बागी विधायकों को अय़ोग्य ठहराने का प्रयास करेंगे ताकि वो चुनाव का सामना करें।

 

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