मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार संकट में नजर आ रही है, क्योंकि शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ विधायक एकांतवास में चले गए हैं और उन्होंने सूरत के एक होटल में डेरा डाल लिया है। इस कदम से राज्य की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की स्थिरता सवालों के घेरे में आ गई है। इस सियासी संकट को सुलझाने के लिए शिवसेना पूरी कोशिश कर रही है।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां
शिवसेना से बगावत करने वाले गुट के नेता एकनाथ शिंदे से मिलने पार्टी नेता मिलिंद नार्वेकर और रविद्र फाटक सूरत में ली मेरिडियन होटल पहुंचे है। शिंदे से इजाजत मिलने के बाद दोनों को होटल के अंदर जाने दिया गया। शिंदे के साथ लगभग दो घंटे की बैठक के बाद मिलिंद नारवेकर और रविंद्र फ़ाटक सूरत की ली मेरिडियन होटल से निकले। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की।
महाराष्ट्र में शिवसेना के अंदर बगावती सुर के बीच मुंबई के पांच सितारा होटल में रुके तीन अन्य बागी विधायकों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास पर ले जाया गया है।
इन विधायकों को सूरत में 22 बागी विधायकों की अगुवाई कर रहे एकनाथ शिंदे का करीबी माना जाता है। शिवसेना के हाल ही में विधान परिषद सदस्य चुने गए सचिन अहीर इन्हें लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे हैं।
महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार पर संकट के बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को गिराने की तीसरी बार कोशिश की गई है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना के ‘‘आंतरिक'' मामले को संभाल लेंगे। पवार ने कहा कि सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी और उन्होंने राज्य में सरकार गिरने की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की संभावना को खारिज कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा शासित राज्य गुजरात के होटल में शिवसेना के कुल 22 विधायक ठहरे हुए हैं, जिनमें से पांच मंत्री शामिल हैं। इस बीच, भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है, "यह मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने की भी साजिश है।" उन्होंने कहा, "शिवसेना वफादारों की पार्टी है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।"
महाराष्ट्र में सियासी संकट के पीछे 'कर्ताधर्ता' कथित तौर पर पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को माना जा रहा है, जो दिल्ली में हैं और वरिष्ठ पार्टी नेता अमित शाह से मिले हैं।
विपक्षी भाजपा के सूत्रों ने दावा किया है कि शिंदे के साथ शिवसेना के 13 विधायकों के अलावा सूरत के होटल में पांच निर्दलीय विधायक भी हैं।
यह संकट सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास अघाड़ी और भाजपा के विधान परिषद चुनावों में पांच-पांच सीटें जीतने के कुछ घंटों बाद आया है। विपक्षी भाजपा ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे सत्ताधारी गठबंधन के लिए एक झटके में हार गए।
एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के कद्दावर नेताओं में होती है। उन्होंने प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका यह कदम उद्धव ठाकरे सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ा सकता है।
गठबंधन में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों दलों से शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि महाविकास अघाड़ी की महाराष्ट्र में सरकार बनी तो शिंदे को मंत्री बनाया गया था।
वहीं शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे, जो अब भाजपा के साथ हैं। उन्होंने इस घटनाक्रम पर कहा है कि ऐसी चीजों पर कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता महेश तापसे ने मीडिया से कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार का भविष्य "बिल्कुल सुरक्षित" है।