मुंबई: हनुमान चालीसा विवाद में न्यायिक हिरासत में चल रहीं अमरावती की सांसद नवनीत कौर के आरोप पर मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने वीडियो जारी कर इस बात का खंडन किया है कि सांसद के साथ मुंबई पुलिस की हिरासत में किसी प्रकार का अनुचित व्यवहार किया गया। उसके कुछ घंटों बाद मंगलवार को सांसद ने अपने वकील के माध्यम से एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए दावा किया कि शनिवार को गिरफ्तारी के बाद सांताक्रूज पुलिस स्टेशन के लाकअप में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था, न कि खार पुलिस स्टेशन में।
नवनीत कौर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि शनिवार को पुलिस हिरासत में रहने के दौरान उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, और उनकी जाति का उल्लेख करते हुए उन्हें गिलास में पानी नहीं दिया गया। उनके इस आरोप पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। लेकिन आज मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने अपने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी कर उसके ऊपर लिखा है कि क्या अब भी कुछ कहने की जरूरत है।
अदालतों में नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जो ट्वीट पुलिस आयुक्त संजय पांडे के माध्यम से नवनीत राणा द्वारा की गई शिकायत के बारे में सोशल मीडिया पर चल रहा है, पुलिस हिरासत में रहने के दौरान पानी, शौचालय आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराये जाने की शिकायतों को लेकर है।
मर्चेंट ने दावा किया कि मैं केवल यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संजय पांडे सर का ट्वीट मेरे मुवक्किल द्वारा खार पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार होने के बाद बिताए गए समय के बारे में है। अधिकारियों ने चाय की पेशकश की, इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन वे (राणा दंपत्ति) दोपहर एक बजे तक खार थाने में थे। लगभग एक बजे के बाद उन्हें (राणा दंपत्ति को) सांताक्रूज पुलिस स्टेशन के लाकअप में लाया गया था, जहां उन्हें रात भर के लिए हिरासत में रखा गया था, जब तक कि उन्हें अदालत के सामने पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि नवनीत राणा के साथ बदसलूकी की शिकायत खार थाने में नजरबंदी से संबंधित नहीं है बल्कि सांताक्रूज थाने में नजरबंदी से संबंधित है।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में नवनीत राणा ने यह भी कहा था कि उन्हें अवैध तरीके से पुलिस स्टेशन में रखा जा रहा था और पुलिस हिरासत में उन्हें पीने का पानी नहीं दिया गया था। नवनीत ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी जाति के कारण उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
नवनीत ने पत्र में कहा था कि मुझे 23 अप्रैल को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया और मैंने 23 अप्रैल को पुलिस स्टेशन में रात बिताई। मैंने रात भर पीने के पानी के लिए बार-बार मांग की। इसके बावजूद मुझे पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराया गया। पत्र में अपनी 'अवैध' गिरफ्तारी को लेकर मुंबई के पुलिस आयुक्त और अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। नवनीत राणा द्वारा पुलिस पर गिरफ्तारी के बाद लगाए गए आरोपों के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के भीतर ब्योरा मांगा।
इससे पहले दिन में मुंबई पुलिस आयुक्त ने दोपहर दो बजे अपने सत्यापित ट्विटर हैंडल 12 सेकंड का एक वीडियो ट्वीट किया। वीडियो क्लिप में राणा दंपति को एक पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों के सामने कुर्सियों पर बैठे हैं और चाय की चुस्की लेते हुए दिखाया गया है। उनके सामने टेबल पर मिनरल वाटर की बोतलें भी नजर आ रही हैं।
बता दें कि सांसद राणा और उनके पति ने शनिवार को सुबह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी निवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। हालांकि बाद में उन्होंने रविवार को हुई प्रधानमंत्री की मुंबई यात्रा के समय महानगर की कानून-व्यवस्था न बिगड़ने देने का हवाला देकर अपनी योजना रद्द कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी शनिवार शाम को ही राणा दंपत्ति को राजद्रोह सहित कुछ अन्य धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से दोनों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। मुबई के एक सत्र न्यायालय ने आज राणा दंपत्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई पुलिस से 29 अप्रैल को इस पर जवाब देने को कहा है। नवनीत राणा मुंबई के भायखला जेल और रवि राणा नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने आरोपों का खंडन किया
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंगलवार को निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के इस आरोप का खंडन किया कि शनिवार को उनकी और उनके पति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत में उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। वाल्से पाटिल ने कहा कि मैंने लोकसभा सदस्य नवनीत राणा के आरोपों के बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी मांगी थी कि पुलिस अधिकारियों ने उसके साथ बुरा व्यवहार किया क्योंकि वह निचली जाति से हैं। मंत्री ने कहा, कि मुझे उनके आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला। यह सच है कि पुलिस थाने में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो को कई बार रीट्वीट किया गया है और कई 'लाइक' प्राप्त हुए हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय ने कहा कि अगर कुछ लोगों ने (शांति भंग करने की) कोशिश की तो हम किसी तरह से कम नहीं होंगे, हम सब करेंगे जो हम कर सकते हैं। हमें कानून का ध्यान रखना होगा। हम समाचार पत्रों में देखते हैं कि स्थिति गंभीर है लेकिन पुलिस के लिए स्थिति कभी भी गंभीर नहीं होती है, या यह कभी भी अच्छी नहीं होती है। यह हमेशा महत्वपूर्ण होता है। मुंबई पुलिस के पुलिस कर्मी और अधिकारी कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालेंगे।