नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि मामले में शिवसेना के प्रमुख नेता और सांसद संजय राउत की संपत्तियों को कुर्क किया है। प्रवर्तन एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कुर्क की गई संपत्तियों में राउत का अलीबाग स्थित प्लॉट और दादर इलाके का एक फ्लैट शामिल है। ईडी के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, 'मैं डरने वालों में से नहीं हूं। मेरी संपत्ति कुर्क कर लो, मुझे गोली मार दो या जेल में भेज दो। संजय राउत, बाला साहेब ठाकरे का अनुयायी और एक शिवसैनिक है। मैं लड़ूंगा और सभी को बेनकाब करूंगा। मैं चुप रहने वालों में से नहीं हूं। सच्चाई की जीत होगी।'
संवाददाताओं से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, "संपत्ति शब्द का अर्थ समझने की जरूरत है। क्या मैं विजय माल्या हूं? क्या मैं मेहुल चौकसी हूं? क्या मैं नीरव मोदी हूं। मैं छोटे घर में रहता हूं। पैतृक स्थान में मेरे पास एक एकड़ जमीन भी नहीं है...मेरे पास जो भी है वह मेरा मेहनत से कमाया पैसा है। क्या जांच एजेंसी को ऐसा लगता है कि कोई मनी लांड्रिंग है। आप मुझे किसके साथ जोड़ रहे हैं।"
इससे पहले, 25 मार्च को राउत ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियां और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) साठगांठ में लिप्त हैं। यह घटनाक्रम अगले वर्ष बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन के चुनाव की पृष्ठभूमि में सामने आया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बतायाा कि संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भूखंड और फ्लैट की खरीद-बिक्री पर रोक के लिए अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है। यह कुर्की मुंबई में एक 'चॉल' के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच से संबंधित है। ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के व्यवसायी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में आरोपपत्र भी दाखिल किया था। एजेंसी ने पिछले साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धन शोधन के एक अन्य मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों को लोकर पूछताछ की थी।