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मुंबई: नागरिकता कानून को लेकर सभी विपक्षी दल सरकार का विरोध कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में लोग सड़क पर उतरकर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच रविवार को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया जिसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजी, आंसू गैस के गोले दागे। इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसकी तुलना जलियांवाला बाग से की है। उन्होंने कहा, 'जामिया मिलिया इस्लामिया में जो हुआ वह जलियांवाला बाग की तरह है। छात्रों में युवा बम जैसी ताकत है। हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह छात्रों के साथ जो कर रही है वैसा न करें।'

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन हुए। भीड़ ने मथुरा रोड और सरिता विहार-नोएडा रोड पर जाम लगा दिया था। जब पुलिस ने इन्हें हटाने का प्रयास किया तो शरारती तत्वों ने उनपर पथराव कर दिया। पुलिस के जवाबी कार्रवाई करने पर भीड़ ने करीब आधा दर्जन बसों में आग लगा दी।

आठ से अधिक बसों में तोड़फोड़ के अलावा कई कारों व दुपहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। आग पर काबू पाने पहुंची दमकल की एक गाड़ी को भीड़ ने तोड़ डाला। हमले में एक दमकलकर्मी के अलावा छह पुलिसकर्मी और 42 प्रदर्शनकारियों घायल हो गए थे। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था। हिंसा को देखते हुए जसोला विहार, आरकेपुरम, मनिरका, बसंत विहार, शाहीन बाग, ओखला विहार, जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय और सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन को बंद करना पड़ा था।

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