नई दिल्ली: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इस पर सस्पेंस बरकरार है। वहीं शिवसेना नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना की ही सरकार बनेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवसेना अलग-थलग पड़ गई है। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे वातावरण ठीक हो जाएगा। जनता के मन में भी यही बात है शिवसेना की सरकार आएगी। कांग्रेस के समर्थन देने पर शिवसेना नेता मनोहर जोशी ने कहा कि कांग्रेस क्या करेगी इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।
मंगलवार को जब एनसीपी चीफ शरद पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं अजित पवार ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस की चिट्ठी नहीं मिली है जो सरकार बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। जब शरद पवार से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस के साथ कोई बैठक होनी है तो उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि कोई बैठक है? मुझे नहीं पता। वहीं जब पवार से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस की ओर से देरी हो रही है तो उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से बात करूंगा।
क्या कांग्रेस सरकार बनाने में कर रही है देरी, तो पवार ने दिया ये जवाब
एनसपी नेता अजित पवार ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस ने पहले सुबह बैठक की और फिर कहा कि चार बजे की बैठक के बाद विधायकों की चिट्ठी देंगे। इसके बाद शाम साढ़ें सात बजे तक का समय दिया गया लेकिन फिर कांग्रेस की तरफ से समर्थन की चिट्ठी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि शरद पवार से कांग्रेस नेताओं से बात की थी और कहा था वो कहीं भी मिल ले दिल्ली या मुंबई। पवार ने कहा कि आज एनसीपी की बैठक है इसलिए वह कांग्रेस के नेताओं से नहीं मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल को अकेले पत्र कैसे दे सकते हैं। पवार ने कहा कि सोमवार को राज्यपाल ने हमें बुलाया था लेकिन हमने कह दिया है कि हम अकेले निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है। जब तक कांग्रेस हमारे साथ नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पहले ही हमें जनादेश विपक्ष में बैठने का मिला है।
कोविंद ने सावंत का इस्तीफा मंजूर किया, जावड़ेकर को मिला प्रभार
शिवसेना सांसदअर विंद सावंत के केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में पद छोड़ने के एक दिन बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया। राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने, जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सलाह दी थी, सावंत का केंद्रीय मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसमें कहा गया है कि पयार्वरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और सूचना एवं प्रसारण मामलों के मंत्री जावड़ेकर को अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा। बयान में आगे कहा गया, “प्रधानमंत्री द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि जावड़ेकर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय का प्रभार सौंपा जाए।”
सावंत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि थे। चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद, 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में उलझ गए। भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। दोनों दलों की संयुक्त सीट संख्या 161 थी, जो 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 के बहुमत से अधिक थी। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच विवाद बढ़ने के बाद शिवसेना के अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया। 54 सीटें जीतने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मांग की कि शिवसेना को राज्य में किसी भी गठबंधन के लिए राजग का साथ छोड़ना होगा। 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।