मुंबई: इमरजेंसी की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई ये समझने की गलती ना करे कि हम सिर्फ देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के लिए काले दिन का स्मरण करते हैं। हम देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं, हम लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सहज रखने के लिए इसका स्मरण करते हैं।
इमरजेंसी की बरसी पर बरसे मोदी
पीएम मोदी भाजपा की मुंबई इकाई द्वारा आपातकाल की 43 वीं बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख के मोह में और परिवार भक्ति के पागलपन में, लोकतंत्र और संविधान की बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग हिन्दुस्तान को जेलखाना बना देंगे। आपातकाल के समय न्यायपालिका को भयभीत कर दिया था, जो लोकतंत्र के प्रति समर्पित थे उनको मुसीबत झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया था और जो लोग एक परिवार के पक्ष में थे उनकी पांचों उंगलियां घी में थी। एक परिवार के लिए संविधान का किस प्रकार से साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, शायद ही ऐसा उदाहरण कहीं मिल सकता है।
जब-जब कांग्रेस पार्टी को और खासकर एक परिवार को अपनी कुर्सी जाने का संकट महसूस हुआ है, तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया है कि देश संकट से गुज़र रहा है, देश में भय का माहौल है और देश तबाह हो जाने वाला है और इसे सिर्फ हम ही बचा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि उस समय किशोर कुमार को कांग्रेस ने एक प्रफोमेंस करने के लिए के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उनका इतना ही गुनाह था और उसके बाद टीवी और रेडियो से उनकी छुट्टी हो गई। उनकी फिल्म आंधी पर रोक लगा दी गई। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के अन्दर लोकतंत्र ना हो, उनसे लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। जिन्होनें देश के संविधान को कुचल डाला हो, देश के लोकतंत्र को कैदखाने में बंद कर दिया हो, वो आज भय फैला रहे हैं कि मोदी संविधान को खत्म कर देगा।
उन्होंने कहा कि जागरुकता के लिए भाजपा का काला दिवस मना रही है। इमरजेंसी के समय भय का माहौल था और देश के लोकतंत्र पर काला धब्बा है। कांग्रेस ने इमरजेंसी का पाप किया था और संविधान का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को इमरजेंसी का पता नहीं है।