मुंबई: जम्मू-कश्मीर में भाजपा का पीडीपी के साथ गठबंधन खत्म करने के फैसले पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल और 600 जवानों की कुर्बानी के बाद भाजपा को समर्थन वापस लेने का एहसास हुआ है। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार से भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी का कहना है कि इस गठबंधन को जारी रख पाना असंभव हो गया था. बीजेपी की इस घोषणा के बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। दरअसल रमज़ान के बाद सीज़फायर को खत्म करने के फैसले से पीडीपी नाराज़ थी और दोनों दलों के बीच इसको लेकर तनातनी काफी बढ़ गई थी। रमज़ान के दौरान सीज़फायर को लागू करने की घोषणा करने का आग्रह महबूबा मुफ्ती के कहने से ही किया गया था।
उद्धव ने कहा, 'साढ़े तीन साल और 600 जवानों की कुर्बानी के बाद आपको ये एहसास हुआ कि अब समर्थन वापस ले लेना चाहिए। जब आपको पता था कि यह (जम्मू-कश्मीर) सरकार नहीं चल सकती, तो आप इतने लंबे समय तक समर्थन क्यों देते रहे।
इस फैसले पर इससे पहले शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'भाजपा-पीडीपी के अपवित्र गठबंधन को लेकर हमने पहले ही कह दिया था कि यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। यह ऐंटी नैशनल गठबंधन था।