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ठाणे: एक स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता की ओर से दायर मानहानि मामले में आज आरोप तय कर दिए। कांग्रेस अध्यक्ष को अब मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। अदालत में कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी ने इस मामले में इकबाल-ए-जुर्म नहीं किया है। गांधी सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भिवंडी में मजिस्ट्रेट की अदालत पहुंचे जहां लोगों ने उनके समर्थन में नारे लगाए। राहुल गांधी दीवानी न्यायाधीश ए आई शेख के समक्ष पेश हुए। इसके बाद न्यायाधीश ने उन पर लगाए गए आरोपों और शिकायतकर्ता राजेश कुंते के बयान को पढ़ कर सुनाया।

न्यायाधीश ने आरोप पढ़ा, ‘‘आरोप के अनुसार आपने (गांधी) छह मार्च 2014 को भिवंडी में चुनाव के लिए आयोजित एक रैली में उस संगठन की छवि खराब की जिससे शिकायतकर्ता जुड़ा हुआ है।’’ उन्होंने कहा , ‘‘आपका भाषण, जो चैनलों में टेलीकास्ट हुआ और समाचारपत्रों में प्रकाशित हुआ, उसने याचिकाकर्ता और उसके संगठान की छवि को खराब किया है और इस तरह आपने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अपराध किया है।’’ इसके बाद न्यायाधीश ने उनसे पूछा , ‘‘क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं।’’

इसके जवाब में गांधी ने कहा , ‘‘ मै अपना जुर्म कबूल नहीं करता हूं।’’ इसके बाद अदालत ने कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई शुरू की। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख नियत की। गांधी दोपहर 12.15 बजे अदालत से चले गए।

कांग्रेस अध्यक्ष के वकील नारायण अय्यर और कुशल मोर ने कहा , ‘‘अगली सुनवाई में अदालत इस संबंध में कोई आदेश पारित कर सकती है कि याचिकाकर्ता ने जो दस्तावेज अथवा गांधी के भाषण का जो वीडियो सौंपा है उसे साक्ष्य के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है अथवा नहीं।’’ उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में गांधी के अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले, अदालत ने दो मई को गांधी को आदेश दिया था कि वह आज पेश होकर 2014 में आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंते की ओर से दायर मानहानि मामले में अपना बयान दर्ज कराएं। गांधी ने एक चुनावी सभा में आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ है। इसके बाद कुंते ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

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