पुणे: माओवादियों के साथ कथित ‘‘संबंधों’’ के लिए गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के घर से मिले एक पत्र में कहा गया है कि माओवादी ‘‘राजीव गांधी हत्याकांड जैसी घटना’’ (को अंजाम देने) पर विचार कर रहे हैं और इसमें सुझाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘‘रोड शो’’ के दौरान निशाना बनाया जाए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार यह पत्र ‘आर’ नाम के किसी व्यक्ति ने किसी कॉमरेड प्रकाश को पत्र भेजा है। इसमें एम-4 रायफल खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की और साथ ही घटना को अंजाम देने के लिए चार लाख राउंड गोला बारूद की जरूरत की बात की गयी है।
पुलिस ने बताया कि पत्र रोना विल्सन के घर से बरामद किया गया जिन्हें हाल में मुंबई, नागपुर एवं दिल्ली से पांच दूसरे लोगों सहित गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों को दिसंबर में यहां आयोजित किए गए ‘एलगार परिषद’ और उसके बाद जिले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। पांचों को कल सत्र अदालत में पेश किया गया था जिसने उन्हें 14 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पत्र में लिखा है, ‘‘हिंदू फासीवाद को हराना हमारा मूल एजेंडा रहा है और यह पार्टी की एक प्रमुख चिंता है।
गोपनीय सेल के कई नेताओं और साथ ही अन्य संगठनों ने यह मुद्दा काफी मजबूती से उठाया है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘मोदी की अगुवाई में हिंदू फासीवादी शासन आदिवासियों को रौंदते हुए तेजी से उनके जीवन में घुसता जा रहा है। बिहार और पश्चिम बंगाल में मिली बड़ी हार के बावजूद मोदी 15 राज्यों में भाजपा सरकार की स्थापना करने में सफल रहे हैं।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘अगर यह रफ्तार जारी रही तो इसका मतलब होगा कि पार्टी के लिए सभी मोर्चे पर काफी परेशानी आने वाली है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘कॉमरेड किशन और कुछ दूसरे वरिष्ठ कॉमरेड ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी हत्याकांड जैसी घटना पर विचार कर रहे हैं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बुदूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।
पत्र में कहा गया, ‘‘यह आत्मघाती जैसा मालूम होता है और इसकी भी काफी संभावना है कि हम असफल हो जाएं, लेकिन हमें लगता है कि पार्टी का पोलित ब्यूरो/केंद्रीय समिति हमारे प्रस्ताव पर विचार करे। उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है। हम सब को लगता है कि पार्टी का अस्तित्व किसी भी त्याग से ऊपर है।’’ सरकारी अभियोजक उज्जवल पवार ने कल अदालत में बहस के दौरान पत्र का हवाला दिया था और इन लोगों को पुलिस हिरासत में भेजने की मांग की।