नई दिल्ली: गोंदिया-भंडारा के पूर्व जिला कलेक्टर को 5 साल तक चुनावी ड्यूटी से दूर रखने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की है। चुनाव आयोग ने ये सिफारिश पूर्व कलेक्टर के गोंदिया-भंडारा सीट पर चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के बाद की है। 28 मई को मतदान से 24 घंटे पहले कलेक्टर ने निर्देश दिया था कि किसानों को मुआवजा देने के लिए बैंक खुले रहेंगे। आपको बता दें कि ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान पहुंचने के बाद किसानों को ये मुआवजा दिया गया था। 28 मई को पोलिंग के दिन कुछ देर में ही चुनाव आयोग ने कलेक्टर का तबादला कर दिया था।
बता दें कि महाराष्ट्र में भंडारा-गोंदिया सीट एनसीपी के खाते में गई थी। भंडार गोंदिया सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के मधुकर कुकडे ने जीत हासिल की है। यहां कुकडे को 2,70,471 वोट मिले थे। मधुकर कुकडे ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदि भाजपा के हेमंत पटले को 48,097 वोट मतों के अंतर से हराया। चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपीएटी में गड़बड़ी के आरोपों के बाद बुधवार को भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र के 49 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था।
आज चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी के खिलाफ सख्त सिफारिश की।