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मुंबई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीती रात दो गुटों के बीच झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। पुलिस और लोगों के बीच झड़प में 10 पुलिसवाले और 30 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए हैं। हिंसा के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है। देर रात दो गुटों के बीच नल का कनेक्शन को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद पथराव और आगजनी की घटनाए हुई हैं। शाहगंज इलाक़े में कुछ दुकानों और गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया है। भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है।इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई है। 

मिली जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद शहर में कई धार्मिक स्थलों ने अवैध तरीके से पानी का कनेक्शन लगा रखा था और प्रशासन की टीम इन्ही कनेक्शनों को बंद करने आई थी। लेकिन जब प्रशासन के अधिकारी दरगाह में कनेक्शन काटने गए, तो वहां के लोगों ने मंदिरों को दिए कनेक्शन पर भी करवाई करने की मांग की। इसी बात को लेकर इलाके में दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया और रात को कई जगहों पर तोड़फोड़ भी की गई।

 

शाहगंज इलाके में कुछ दुकानों और गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया जिसके बाद पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल भी करना पड़ा। इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने भी सुरक्षा के लिए ज़्यादा फोर्स को वहां पर तैनात किया है। इस पूरे मामले में कुछ लोगों के जख्मी होने की खबर है जिसमें से एक कि हालात गंभीर बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि औरंगाबाद में देर रात शुरू हुई इस हिंसक झड़प में एक स्थानीय युवक की मौत हुई है। डीसीपी (जोन-वन) विनायक ढाकने ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमलोगों ने प्रभावित इलाके भारी तादाद में पुलिसवालों की तैनाती की है। उपद्रवियों के खिलाफ हमलोग कड़ी कार्रवाई करेंगे। वहीं, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री ने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें।

पुलिस अधिकारी समेत 10 से ज्यादा लोग घायल

घटना की जानकारी मिलने के बाद जिले के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर गोवर्धन कोलेकर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। वहीं इस कार्रवाई का विरोध करते हुए भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। इस झड़प में असिस्टेंट कमिश्नर गोवर्धन को लेकर, इंस्पेक्टर हेमंत कदम और इंस्पेक्टर श्रीपद परोपकारी समेत कुल 10 लोग से घायल हो गए। इसके बाद तनाव की स्थिति को देखते हुए हिंसाग्रस्त इलाकों में महाराष्ट्र पुलिस के जवानों समेत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भी तैनाती की गई।

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