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मुंबई: मालेगांव में वर्ष 2008 में हुए बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत पर छोडऩे के बाद बम्बई उच्च न्यायालय ने इस मामले के एक अन्य आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय को आज जमानत पर रिहा कर दिया। अदालत ने जमानत देने के साथ उन्हें एक लाख रूपये की सुरक्षा राशि भरने तथा बिना अदालत के आदेश के मुंबई नहीं छोडऩे का भी आदेश दिया।

मेजर उपाध्याय को नवंबर 2008 में कथित मालेगांव बम विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था। 29 सितंबर 2008 को हुए इस बम विस्फोट में सात लोग मारे गये थे। मेजर उपाध्याय पर कर्नल पुरोहित के साथ बम विस्फोट के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है।

उपाध्याय रायगढ जिला के तलोजा सेंट्रल जेल में बंद था। इसी वर्ष जनवरी माह में विशेष मकोका अदालत ने मेजर उपाध्याय को उत्तर प्रदेश में विधायक का चुनाव लडऩे की अनुमति दी थी। इसके पूर्व वर्ष 2012 में उन्होंने अखिल भारत हिंदू महासभा के टिकट पर बलिया जिला के बैरिया से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये थे। जांच एजेंसी ने 4000 पृष्ठों के आरोप पत्र में लिखा था कि मालेगांव को बम विस्फोट के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यहां मुसलमान अधिक संख्या में हैं।

इस मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, पुरोहित और सह आरोपी स्वामी दयानंद पांडेय मुख्य आरोपी हैं। हालांकि ठाकुर को पिछले वर्ष एनआईए ने क्लीन चिट दे दिया था। विशेष मकोका अदालत ने कहा था कि एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नौ अन्य के खिलाफ गलत कानून लगाया था।

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