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मुंबई: कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में 'दही-हांडी' का उत्सव मनाया जा रहा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक इस समारोह के दौरान मानव पिरामिड बनाते हुए कम से कम 45 लोग घायल हो गए। जबकि पालघर के धानसर में मानव पिरामिड बनाते हुए एक आदमी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दिल का दौरा पड़ने के कारण वो गिर गया था। नगर निकाय के अधिकारियों ने कहा कि शाम पांच बजे तक मुंबई में करीब 45 गोविंदा घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि घायलों में एक की हालत गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि अन्य लोगों का प्राथमिक उपचार करने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बता दें कि दही हांडी का त्योहार मनाने के पीछे की कहानी काफी पौराणिक है। यह कहानी श्री कृष्ण की माखन चुराने की कथा से जुड़ी हुई है। यह पर्व हर साल अगस्त के महीने में मनाया जाता है। दही हांडी उत्सव में खासकर युवा पूरे जोश के साथ भाग लेते हैं। मुंबई के अलग-अलग शहरों जैसे दादर और थाणे में इस उत्सव की एक अलग ही छटा देखने को मिलती है। मुम्बई में आयोजन के दौरान 45 गोविंदा घायल हुए हैं।

मुंबई के घाटकोपर में इस कार्यक्रम में शिकरत करने फिल्म अभिनेता अर्जुन रामपाल और मधुर भंडारकर भी पहुंचे हैं। दही हांडी त्योहार मनाने का एक अलग ही जोश होता है। इस त्योहार में युवाओं का एक मानव पिरामिड बनाता है, जिसमें एक युवक ऊपर ऊंचाई पर चढ़कर लटकी हांडी को फोड़ता है, जिसमें दही होता है। हांडी फोड़ने वाले बच्चे को गोविंदा कहा जाता है। यह परंपरा काफी पुराना है और लोग लंबे समय से मनाते चले आ रहे हैं। हालांकि, मुम्बई में साल 1907 में पहली बार दही हांडी फोड़ने की परंपरा की शुरुआत हुई थी। इस पर्व को महाराष्ट्र के अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा अन्य जगहों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को दही हांडी फोड़ने से रोक लगाई थी, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कम उम्र के बच्चों को दही हांडी फोड़ने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन बच्चों के साथ कोई दुर्घटना नहीं होगी। कोर्ट ने 20 फीट से अधिक की मानव पिरामिड बनाने पर रोक लगा दी थी और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी इसमें शामिल होने से मना किया था।

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